डायबिटीज़ लोगों में कोरोना संक्रमण और बीमारी के चलते काफ़ी तनाव उत्पन्न होता है. तनाव से शुगर का लेवल बढ़ता है.जिन लोगों में डायबिटीज़ के लक्षण कभी नहीं थे, उनमें भी संक्रमण के बाद तेज़ी से शुगर का स्तर बढ़ता है.कोरोना संक्रमण से शुगर लेवल बढ़ता है?
विशेषज्ञों के मुताबिक पैंक्रियाज़ से निकलने वाला इंसुलिन शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखता है. इसकी कमी के चलते मरीज़ों को इंसुलिन या दूसरी दवाइयां देनी होती हैं.बॉम्बे हॉस्पिटल के कंसल्टेंट डायबिटीज़ विशेषज्ञ डॉ. राहुल बक्शी इन मरीज़ों को तीन वर्गों में आंकते हैं, उनके मुताबिक़- कुछ ऐसे भी मरीज़ होते हैं जिनका तीन महीने तक एचबीए1सी शुगर रिपोर्ट्स सामान्य होता है और उसके बाद अचानक से शुगर लेवल बढ़ता है.
उन्होंने बताया, "मुझे माइल्ड कोरोना संक्रमण हुआ था. इलाज के दौरान मुझे स्टेरॉयड नहीं दिया गया. लेकिन जब मैं कोविड से ठीक हो गया तब डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मेरे शरीर में शुगर का लेवल बढ़ गया है. तीन सप्ताह बाद भी शुगर लेवल काफ़ी ज़्यादा था. अब मैं डायबिटीज़ की दवाइयां ले रहा हूं."डॉ. वेंकटेश शिवाने और उनकी टीम कोरोना वायरस के चलते होने वाली डायबिटीज़ पर अध्ययन कर रही है. इन लोगों ने पाया है कि कुछ कोरोना संक्रमितों का शुगर लेवल 200 से 250 था जबकि कुछ का बढ़कर 300 से 400 के बीच था.डॉ.
डॉ. राहुल बक्शी ने बताया, "कोई मरीज़ डायबिटीक हो या नहीं हो, स्टेरॉयड लेने के बाद उसका शुगर लेवल बढ़ता है." बढ़े हुए शुगर को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर फिर इंसुलिन देते हैं.
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