भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 जुलाई को मसूरी स्थित कैम्पटी फॉल का वीडियो दिखाकर चेताया था कि कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई अभी भी जारी है. मंत्रालय ने कहा था कि कोविड से लड़ाई के लिए कड़ाई बेहद जरूरी है और लोगों से कोविड अनुरुप व्यवहार का पालन करने की अपील की थी.
हालांकि, केंद्र सरकार और राज्यों की अपील के बावजूद पर्यटकों की भारी भीड़ पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में देखने को मिल रही है. सोशल मीडिया पर मनाली और मसूरी के वीडियो तेजी से वायरल हुए थे, जिनमें लोगों को बिना मास्क के घूमते और उचित दूरी के नियमों की अनदेखी करते देखा गया था. इन तस्वीरों पर स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने चिंता जताई थी.
स्वास्थ्य जानकार लोगों के बिना मास्क बाहर घूमने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करने पर चिंता जता रहे हैं. वे चेतावनी दे रहे हैं कि क्या वे ऐसा कर तीसरी लहर को न्योता तो नहीं दे रहे हैं. शिमला, कुफरी, कसौली, धर्मशाला, नैनीताल, देहरादून, मनाली, मसूरी और जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली.
जोशी का मानना है कि भीड़ से लोगों को बचना चाहिए और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. वे कहते हैं,"हम यात्रा के खिलाफ नहीं है. अगर किसी को काम के लिए जाना है तो वे जरूरी सावधानियों के साथ यात्रा कर सकते हैं. लेकिन लापरवाह रवैया हमें चिंता में डालता है." जोशी का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट भारत से ही निकला है और इसको लेकर हमें खास सावधान रहना चाहिए.उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों के आने को लेकर नियम कड़े किए हैं. कैम्पटी फॉल में एक बार में अधिकतम 50 लोगों को इजाजत दी जा रही है.
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