सबसे ज्यादा पूछे जाने वालेकोरोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है जिसका पता दिसंबर 2019 में चीन में चला. इसका संक्षिप्त नाम कोविड-19 है
लेकिन, कुछ उम्रदराज़ लोगों और पहले से ह्दय रोग, डायबिटीज़ या कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ रहे लोगों में इससे गंभीर रूप से बीमार होने का ख़तरा रहता है.सबसे ज्यादा पूछे गए सवालजब लोग एक संक्रमण से उबर जाते हैं तो उनके शरीर में इस बात की समझ पैदा हो जाती है कि अगर उन्हें यह दोबारा हुआ तो इससे कैसे लड़ाई लड़नी है.ऐसा माना जा रहा है कि अगर आप एक बार कोरोना वायरस से रिकवर हो चुके हैं तो आपकी इम्युनिटी बढ़ जाएगी. हालांकि, यह नहीं पता कि यह इम्युनिटी कब तक चलेगी.
अगर वायरस फ़ेफ़ड़ों में ठीक से बैठ गया तो यह सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया पैदा कर सकता है. हर सात में से एक शख्स को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है.अस्थमा वाले मरीजों के लिए कोरोना वायरस कितना ख़तरनाक है?अस्थमा यूके की सलाह है कि आप अपना रोज़ाना का इनहेलर लेते रहें. इससे कोरोना वायरस समेत किसी भी रेस्पिरेटरी वायरस के चलते होने वाले अस्थमा अटैक से आपको बचने में मदद मिलेगी.
फ़्लू की तरह इस नए वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है. इस वजह से उम्रदराज़ लोगों और पहले से बीमारियों के शिकार लोगों के लिए यह ज्यादा बड़ा ख़तरा हो सकता है.बीबीसी न्यूज़पूरी दुनिया में सरकारें मास्क पहनने की सलाह में लगातार संशोधन कर रही हैं. लेकिन, डब्ल्यूएचओ ऐसे लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहा है जिन्हें कोरोना वायरस के लक्षण दिख रहे हैं या जो कोविड-19 के कनफ़र्म या संदिग्ध लोगों की देखभाल कर रहे हैं.
सेल्फ-आइसोलेशन में रह रहे शख्स को एक हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो जिसे खोला जा सके. ऐसे शख्स को घर के दूसरे लोगों से दूर रहना चाहिए.मैं पांच महीने की गर्भवती महिला हूं. अगर मैं संक्रमित हो जाती हूं तो मेरे बच्चे पर इसका क्या असर होगा?गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 के असर को समझने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन अभी बारे में बेहद सीमित जानकारी मौजूद है.
Kon Kon sa
बनाने देना ही नही चाहती दवा कम्पनिया वो मोटी रकम सरकारो को देती है इस के दवा बनाने की पहल नही करने के लिये
जो भी आँध भक्त नहीं है मुझे fallow कर के retweet करो म उन्हें fallow back करूँगा मैआन्ध्भक्तनहींहूँ
अंधभक्ति की कोई वैक्सीन अभी तक नहीं बनी।
Dengue, nipa virus, hanta virus, Ebola, saars, Japanese encephalitis, etc..
अपवाद AIDS छोड दे। एवीयन एन्फ्लुएंजा, सार्स, मर्स, आदी बीमारियाँ अन्य देशों को कमजोर करने, शत्रुदेश से बदला लेने, समकक्ष कोई देश ना आये इसलिये रोडा डालने साजीश हो सकती है। जैसे कोरोना COVID 19 पर स्पष्ट कहा जाता है। WHO के मि. रेयान को इस कोन से भी सोचना चाहिये।
इंडिया में अभी फ़िलहाल सिर्फ़ 2 बीमारियाँ चरम पर हैं 1-संघी 2-भाजपा बाक़ी सब ठीक है इस तरह 👇🏻
Teri maa ki ch.,.,.....
Chaar ni ida dia chaar crore aa... hun fe ki kriye ? Awi tention ji na paya kro prawa
प्रलय ही है अब
क्या होगा इस दुनिया का।
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