नई दिल्ली/मुंबई : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक निर्देश में कहा है कि अस्पतालों की तरफ से ब्रेन डेड से होने वाली मौतों की पहचान करने और उन्हें प्रमाणित करने में विफलता के कारण संभावित डोनर्स की एक महत्वपूर्ण संख्या उपलब्ध होने के बावजूद देश में अंगदान की दरों में भारी कमी आ रही है। इसमें राज्यों से कहा गया है कि वे अस्पतालों से ब्रेन स्टेम से होने वाली मौतों का सावधानीपूर्वक डॉक्यूमेंटेशन करें। मंत्रालय ने कहा कि भारत में मृत्यु के बाद अंगदान की दर बेहद कम बनी हुई है। यह एक साल...
5 लाख संभावित ब्रेन स्टेम मौत होती हैं। अन्य कारण, जैसे स्ट्रोक, संख्या में वृद्धि कर सकते हैं। हालांकि, 2023 में भारत में मरने के बाद अंगदान करने वालों की कुल संख्या केवल 1,028 थी, जिससे 3,000 से अधिक ट्रांसप्लांट की सुविधा मिली। यह लगभग 5 लाख अंगों की वार्षिक आवश्यकता से काफी कम है। बमुश्किल 2-3% मांग पूरी होने पर, अंग विफलता के कारण अनगिनत जानें चली जाती हैं। अकेले मुंबई में, 4,000 से अधिक लोग मृत लोगों की तरफ से दान किए जाने वाले अंगों का इंतजार कर रहे हैं। सुअर की किडनी लगवाने वाले पहले...
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