कैराना सीट: 3 बार पार्टी बदल चुकीं तबस्सुम पर क्या जनता कर पाएगी भरोसा?

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कैराना सीट: क्या तबस्सुम पर भरोसा कर पाएगी जनता LokSabhaElections2019

तबस्सुम हसन राष्ट्रीय लोक दल से सांसद हैं. वे एक राजनीतिक घराने से आती हैं. कैराना तबस्सुम हसन की पारिवारिक सीट है. उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में कैराना ही ऐसी सीट है जो किसी मुस्लिम सांसद के हवाले है. तबस्सुम हसन दिवंगत मुनव्वर हसन की पत्नी हैं. मुनव्वर हसन कैराना सीट से दो बार विधायक और दो बार सांसद भी रह चुके हैं. कैराना सीट से ही तबस्मसुम हसन के ससुर चौधरी अख्तर हमन सी भी सांसद रह चुके हैं.

राष्ट्रीय लोकदल की उम्मीदवार तबस्सुम हसन को समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने समर्थन दिया था. 2017 में प्रचंड बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने वाली बीजेपी के लिए इस हार को बड़े झटके के तौर पर देखा गया. उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की आस देखी जाने लगी लेकिन सपा और बसपा एक हो गए और कांग्रेस को सम्मानजनक सीट न मिलने के चलते उसे महागठबंधन का मोह छोड़ना पड़ा.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होना है, जिसमें से एक कैराना लोकसभा सीट भी है. इस सीट से कुल 13 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. भले ही साल 2018 में हुए कैराना उपचुनाव में आरएलडी के टिकट पर तबस्सुम हसन ने जीत दर्ज की थी लेकिन टिकटों के ऐलान से ठीक पहले वो आरएलडी छोड़ एसपी में चली गईं और अब एसपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं.कैराना में जाट और मुस्लिम वोटर हावी हैं. मई 2018 में उपचुनाव हुए.

 

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तुम अगर मोदी को ना चाहो तो कोई बात नहीं, तुम अगर गद्दारों को चाहोगे तो मुश्किल होगा😡😡

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