उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केरल स्थित पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी से संबंधित मामले की अब तक की जांच से बेहद चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। कप्पन को दलित महिला से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और बाद में उसकी मृत्यु की घटना के सिलसिले में हाथरस जाते हुए रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे,न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ के समक्ष उप्र सरकार ने कहा, कप्पन का दावा है कि वह केरल के एक दैनिक अखबार के...
मामले पर उच्च न्यायालय में सुनवाई की जानी चाहिए थी। इसके साथ ही पीठ ने इस मामले को अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध कर दिया। राज्य सरकार ने पीठ से कहा कि वह इस संस्था के जवाबी हलफनामे पर अपना हलफनामा दाखिल करेगी। उप्र पुलिस ने हाल ही में अपने हलफनामे में दावा किया था कि कप्पन पत्रकारिता की आड़े में जातीय कटुता और कानून व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की योजना से हाथरस जा रहा था। इसके जवाब में याचिकाकर्ता संगठन ने न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामे में उप्र पुलिस के इस दावे को ‘पूरी तरह गलत और झूठा’ बताया है...
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