कृष‍ि कानूनों पर प्रदर्शन के बीच केंद्र दो दिन पहले ही शुरू करेगा फसलों की सरकारी खरीद

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शीतकालीन चावल और धान की खरीद समय से दो दिन पहले शुरू होगी, सरकार ने सोमवार को इसकी घोषणा की जिसे केंद्र के नए कृष‍ि कानूनों (new farm laws) के विरोध में देश भर में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए एक संकेत माना जा रहा है.

नई दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन को कांग्रेस का समर्थन हासिल है. देशभर में फसल खरीद सामान्यत: 1 अक्टूबर से शुरू होती है. सरकार द्वारा जारी एक नोट के अनुसार, 'यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने में आसानी हो.'राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद हाल ही में संसद में पास किया गया कृषि बिल अब कानून बन गया है. जिसके बाद सोमवार को देश भर में किसानों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया है.

इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसानों की चिंताओं को देखते हुए सरकार की तरफ से एक महीने पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी घोषणा की गई थी. सरकार की तरफ से गेहूं, दाल और सरसों के MSP को भी बढ़ाया गया था. हालांकि सरकार के उस कदम के बाद भी किसानों का गुस्सा शांत नहीं हुआ था. "भारतीय किसान संघ" के एक नेता गुरनाम सिंह ने केंद्र द्वारा किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए इसे एक"साजिश" वाला कदम बताया था.

जहां सरकार का कहना है कि निजी क्षेत्र के सामने आने से किसानों को लाभ होगा वहीं किसान सीधे कॉर्पोरेट्स से निपटने के बारे में आशंकित हैं. उन्हें डर है कि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य का भी उन्हें भुगतान नहीं किया जाएगा और उनका शोषण किया जाएगा. नई प्रणाली को"किसान विरोधी" बताते हुए, उन्होंने मांग की है कि कानूनों को निरस्त किया जाए.

इधर सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों से कहा है कि केंद्र के कृषि विधेयकों को खारिज करने के लिए कानून पर विचार किया जाए.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा कि माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस शासित राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 254 के तहत अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा है.

 

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किसान का दर्द जो आज तक ना शासन ने ना ही प्रशासन ने सुध ली।

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