नीरज ने फाइनल में अपना दबदबा लगातार कायम रखा और पहले ही थ्रो में भाला 87 मीटर दूर फेंक दिया. इसके बाद दूसरी थ्रो में उन्होंने अपना ही प्रदर्शन सुधारते हुए 87 मीटर से भी दूर भाला फेंक दिया. अब आखिर में सभी को पछाड़ते हुए वे गोल्ड मेडल जीत गए हैं.हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को नीरज का जन्म हुआ था. नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की. नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.
आर्मी से जॉब मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था,"मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं. मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है. इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं." उन्होंने आगे कहा था,"अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं."2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में नीरज ने 88.06 मीटर का थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था.
2018 में एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करने के बाद नीरज कंधे की चोट का शिकार हो गए. इस वजह से वो काफी वक्त तक खेल से दूर रहे. 2019 तो उनके लिए और भी खराब रहा और उसके बाद कोरोना के कारण कई इवेंट रद्द हो गए. इसके बाद वापसी करते हुए इसी साल मार्च में हुई इंडियन ग्रांड प्रिक्स में नीरज ने 88.07 मीटर का थ्रो कर अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया था. नीरज का ये अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था.23 साल के नीरज अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी वर्ल्ड लेवल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं. उन्होंने IAAF वर्ल्ड U-20 में गोल्ड जीता था. साल 2016 में उन्होंने साउथ एशियन गेम्स में 82.23 मीटर का थ्रो कर गोल्ड जीता. इसके बाद 2017 में उन्होंने 85.
देश यह याद रखें कि,मात्र सेना ने सोना दिया है,,🙏💐 सूबेदार चोपड़ा साहब,की इस शानदार उपलब्धि पर भारतीय सेना को बहुत बहुत बधाई 🙏💐🙏।
Nc
Proud moment for all Indians
It's very good n we all must proud but when we will more proud! When modi will change stadium names...we not surprised when ajtek chanel change the name in to kab tak
जब बिना आरक्षण के गरीब परिवारों से आये खिलाड़ी अपनी मेहनत और लगन से Olympics में जा सकतें हैं तो भारत का हर नोजवान कुछ न कुछ तो बन ही सकता है फिर आरक्षण की जरुरत नहीं। जेसे सरकार खिलाड़ियों के लिए सहूलियतें देती है वेसे ही पिछ्डो को सहूलियतें दे और आरक्षण खत्म करें।
Jin Kisaano ko Khalistani Terrorist Mavali kaha kuch Ministers ne aur media ke Anchors ne Aaj usi Kisaan ke bete ne is DESH ke liye Gold laaya Ab koi bolega kya ke ye Gold Khalistani aur Mavali ka hai Ab Media aur Ministers cheekh rahe hai ye medal INDIA ka hai !!!
क्या 'पनौती' ही था खिलाड़ियों के लिए असली 'चुनौती'....😊☺️ राजीव_गांधी_पनौती_था
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