किसान आंदोलन से पीएम मोदी की छवि को लगा झटका, इमेज बनाने में जुटी सरकार, संघ और भाजपा

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ब्रांडिंग पर भरोसा करने वाली मोदी सरकार के लिए किसान आंदोलन किसी झटके से कम नहीं है। राजधानी में लंबे समय से चल रहे किसान

आंदोलन का सीधा असर पीएम मोदी की छवि पर पड़ रहा है। सरकार और संगठनों ने भी इसे भांप लिया है। दिल्ली सीमा से भले ही आंदोलनकारी किसान नहीं हटे हों, लेकिन सरकार की छवि पर लगे दाग हटाने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। मंत्रियों से लेकर भाजपा की प्रदेश सरकारें तक और पार्टी से लेकर आरएसएस तक मोदी सरकार की छवि चमकाने और ब्रांडिंग की मुहिम शुरू करने में लग गए हैं।एक तरफ जहां केंद्र सरकार किसान संगठनों से चर्चा कर रही है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने भी नए किसान विधेयक के फायदों को लोगों तक पहुंचाने...

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद अनुपम हाजरा ने अमर उजाला को बताया कि ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ता सीधे जाकर किसानों से नए कानूनों को लेकर चर्चा कर रहे हैं। पार्टी के हर राज्य के सांसद विधायक और मंत्री भी सप्ताह में तीन से चार दिन अपने क्षेत्र के किसान और उनके संगठनों के साथ बैठक कर रहे हैं। सामान्य भाषा में तैयार की गई पुस्तिका भी लोगों में वितरित की जा रही है। विपक्ष लगातार जिन मुद्दों को लेकर किसानों को भड़का रहा है, ऐसे विषयों पर भी हम किसानों से चर्चा कर रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि...

इसके अलावा व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान हो। इसके अलावा हमारी मांग है कि सरकार केंद्र या राज्य के स्तर पर पोर्टल तैयार करे और ट्रेडर्स उसमें बैंक की गारंटी के साथ अपना पंजीयन करवाएं। इससे किसान ये देख सकेगा कि जो खरीद करने आया है वह सही है या गलत। इसके साथ साथ ही हर जिले में कृषि अदालत बनाई जाए।आंदोलन की शुरुआत में केंद्र सरकार बैकफुट पर थी, लेकिन अब फ्रंटफुट पर आकर आक्रामक रुख अपना रही है। पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार की इमेज को बचाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों ने भी मोर्चा संभाला...

भाजपा के एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने नाम न छापने के अनुरोध पर अमर उजाला को बताया कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा रोज राज्यों में हो रही किसान बैठकों और किसान रैलियों का अपडेट ले रहे हैं। हर शहर में नए कृषि कानूनों के समर्थन में एक से दो किसान रैली आयोजित करने के लिए कहा गया है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसदों, विधायकों को किसानों के बीच जाने और उनसे चर्चा करने के लिए भी कहा गया है। भाजपा किसान मोर्चा भी पूरे देश में किसान संगठनों से चर्चा में जुटा हुआ...

 

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भाजपा के सभी नेता और कार्यकर्ता थोथा चना है जो बजते घना है परंतु यथार्थ में भूसा हैं। सांप को कोई दोस्त नहीं बनाता उसे बंद टोकरी में ही दूध पिलाते हैं। अटल के साथ प्रकाशवीर को छोड़कर कोई विषकन्या नहीं बना। शिव की तरह विषकन्या की कोई औकात नहीं है।ससुर ने लातमार बाहर निकाल दिया।

मेरा मीटर LMV2है बुनकर पॉवरलूम का है मेरी और30घर की लाईट काट दिया गया है😭 बिल दिसंबर2019तक जमा है उसके बाद का बिल जमा ही नहीं कर रहे है विभाग वाले पैसा मग रहे है पेलांटी जब कोई अभी आदेश जारी ही नहीं किया है सरकार ने तो ये विभाग वाले अपनी मनमानी केयो कर रहे है लकडाउन के बाद अब ये

मेरा मीटर LMV2है बुनकर पॉवरलूम का है मेरी और30घर की लाईट काट दिया गया है😭 बिल दिसंबर2019तक जमा है उसके बाद का बिल जमा ही नहीं कर रहे है विभाग वाले पैसा मग रहे है पेलांटी जब कोई अभी आदेश जारी ही नहीं किया है सरकार ने तो ये विभाग वाले अपनी मनमानी केयो कर रहे है लकडाउन के बाद अब ये

सच्चाई छिप नहीं सकती बनावट के उसूलों से।

The sooner govt find solution, lesser will be the loss to govt.

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