किसानों के फसल बीमा दावों को ख़ारिज करने के मामलों में 900 फ़ीसदी की बढ़ोतरी

  • 📰 द वायर हिंदी
  • ⏱ Reading Time:
  • 30 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 15%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

किसानों के फसल बीमा दावों को ख़ारिज करने के मामलों में 900 फ़ीसदी की बढ़ोतरी किसान फसलबीमा पीएमएफबीवाई कृषिमंत्रालय Farmers CropInsurance PMFBY MinistryOfAgriculture

मोदी सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दो सालों में किसानों के दावों को खारिज करने के मामलों में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.से ये जानकारी सामने आई है.

साल 2019-20 तक किसानों के फसल बीमा दावों को खारिज करने में 900 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और इस बीच कुल 9.28 लाख दावों को खारिज किया गया.इसके जवाब में कृषि मंत्री तोमर ने बताया कि यदि सूखा या बाढ़ के चलते व्यापक नुकसान होता है तो ऐसे में पीएमएफबीवाई के तहत नुकसान का दावा करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि इसका आकलन उत्पादन में हुए नुकसान के आधार पर कर लिया जाता है.

ऐसी स्थिति में किसान को संबंधित बीमा कंपनी, राज्य सरकार या वित्तीय संस्थाओं को इसकी जानकारी देनी होती है, जिसके बाद राज्य सरकार और बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति नुकसान का आकलन करती है.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

अजीबो गरीब फैसले है बीमा कंपनी फसल के नुकसान की भुगतान में देरी करे तो उन्हें इंटरेस्ट देना होगा पर कही कोई खबर नही कि इन्होंने किसानों को इंटरेस्ट की रकम चुकाई किसान अगर अपनी फसल के नुकसान की खबर देरी से दे तो मुआवजा नही मिलेगा। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि अगर देरी से पहुँचे तो..

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 3. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

Corona Crisis: हॉस्पिटल में बेड्स के दावों और हकीकत में कितना है अंतर, देखेंजिन राज्यों में कोरोना संकट है, वहां सबसे बड़ा संकट तो अस्पताल में बेड का है. अस्पतालों के बाहर बेड नहीं है की पर्चियां चिपकी हुई हैं. दिल्ली, यूपी और राजस्थान जैसे राज्यों के तमाम अस्पतालों की गैलरी में स्टेचर पर मरीजों का इलाज हो रहा है वहीं बेड न मिलने की वजह से कई गंभीर मरीज दम भी तोड़ रहे हैं. सरकारें दावा कर रही हैं कि कहीं बेड का संकट नहीं है, लेकिन अस्पतालों में देखें क्या हाल है. Sarkar nai chowkidar ko bolo PMOIndia narendramodi
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

केंद्र के दावों के बीच बोले बोले FM सीतारमण के पति- टीकाकरण धीमा चल रहा है-केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है। प्रभाकर ने कहा कि सरकार मदद करने की जगह हेडलाइन मैनेज कर रही है। अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने कहा कि जो आंकड़े नए केस और मौतों के सामने आ रहे हैं, वो भी कम करके बताए जा रहे हैं।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

सिंगापुर: नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देने के आरोप में भारतीय मूल के व्यक्ति को जेलसिंगापुर में नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देने के आरोप में 52 वर्षीय एक भारतीय मूल के व्यक्ति को सोमवार को दो सप्ताह जेल की
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

MP के जिले में पेट्रोल 100 के पार, शिवराज के मंत्री ने PM को दी- 'बधाई'उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को सोलर और इलेक्ट्रिक एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए धन्यवाद कहा जाना चाहिए। Thank you narendramodi ji Bhadai ho बड़े - बड़े क्यूँ न बेचें तेल, 33 का माल 66 का खेल
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

क्या Amazon के कर्मचारियों को काम के बोझ के चलते बोतल में करना पड़ता है पेशाब?दुनिया की सबसे लोकप्रिय वेबसाइट में शुमार एमेजॉन पर पिछले कई सालों से उसके कर्मचारियों के शोषण के आरोप लगते रहे हैं. अब अमेरिका के एक नेता के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देने के बाद एमेजॉन कंपनी फिर विवादों में है. मार्क पोकन नाम के इस शख्स ने ट्वीट में लिखा था कि अपने कर्मचारियों को 15 डॉलर प्रति घंटे देने से आप प्रोग्रेसिव वर्क प्लेस नहीं बन जाते हैं खासतौर पर तब जब आपके कर्मचारियों को काम के बोझ के चलते बोतलों में पेशाब करना पड़ता है. Please follow me 👋👋👋 🙄 Mutte to humare Dada Ji the matlab chalte chalte he mut dete the
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »