बैठक के पहले हिस्से में सरकार अपने पुराने रुख पर कायम थी लेकिन अचानक लंच के बाद हुई बैठक में सरकार ने तीनों कृषि कानूनों पर एक से डेढ़ साल तक अस्थायी रोक लगाने और साझा कमेटी के गठन का प्रस्ताव दिया। जानकारों का मानना है कि ऐसा किसानों के ट्रैक्टर रैली पर सुप्रीम कोर्ट के रुख और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजाब, हरियाणा के इतर दूसरे राज्यों में बहस शुरू होने के कारण हुआ।
सरकार को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ट्रैक्टर रैली के संदर्भ में कोई फैसला करेगा। जबकि शीर्ष कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए मामले पर फैसला लेने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस पर डाल दी। सरकार नहीं चाहती थी कि कृषि कानूनों के सवाल पर देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो। टकराव की स्थिति में सरकार को इस आंदोलन के व्यापक होने की आशंका थी।भोजनावकाश के बाद अचानक ही कृषि मंत्री की ओर से आए कानूनों पर अस्थायी रोक और...
आंदोलन में अब तक 70 से अधिक किसानों की मौत हुई है। इसके अलावा सरकार को मिले फीडबैक में बताया गया कि भले ही आंदोलन का दायरा करीब दो महीने बाद भी हरियाणा, पंजाब और पश्चिम यूपी तक सीमित है, मगर आंदोलन और खासतौर से एमएसपी की देश के दूसरे राज्यों के किसानों में भी चर्चा हो रही है। ऐसे में सरकार को भविष्य में आंदोलन का दायरा और व्यापक होने की आशंका थी।सरकार की चिंता का एक बड़ा कारण किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली थी। रैली यूं तो 26 जनवरी को निकलनी थी लेकिन इसने सरकार की नींद काफी पहले उड़ा दी।...
बैठक के पहले हिस्से में सरकार अपने पुराने रुख पर कायम थी लेकिन अचानक लंच के बाद हुई बैठक में सरकार ने तीनों कृषि कानूनों पर एक से डेढ़ साल तक अस्थायी रोक लगाने और साझा कमेटी के गठन का प्रस्ताव दिया। जानकारों का मानना है कि ऐसा किसानों के ट्रैक्टर रैली पर सुप्रीम कोर्ट के रुख और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजाब, हरियाणा के इतर दूसरे राज्यों में बहस शुरू होने के कारण हुआ।सरकार को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ट्रैक्टर रैली के संदर्भ में कोई फैसला करेगा। जबकि शीर्ष कोर्ट...
आंदोलन में अब तक 70 से अधिक किसानों की मौत हुई है। इसके अलावा सरकार को मिले फीडबैक में बताया गया कि भले ही आंदोलन का दायरा करीब दो महीने बाद भी हरियाणा, पंजाब और पश्चिम यूपी तक सीमित है, मगर आंदोलन और खासतौर से एमएसपी की देश के दूसरे राज्यों के किसानों में भी चर्चा हो रही है। ऐसे में सरकार को भविष्य में आंदोलन का दायरा और व्यापक होने की आशंका थी।सरकार की चिंता का एक बड़ा कारण किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली थी। रैली यूं तो 26 जनवरी को निकलनी थी लेकिन इसने सरकार की नींद काफी पहले उड़ा दी।...
nstomar PiyushGoyal जय श्रीराम जय हिंद
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »