किसान धान की जगह करें गोल्डन बीन की खेती, कम बारिश, कम जमीन में मिलेगा डबल मुनाफा

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गोल्डन बीन की खेती,नुकसान को कम करें,मुनाफे को बढ़ा सकते है

कोडरमाः इन दिनों लोग सेहत के प्रति सजग हो गए हैं. ऐसे में पौष्टिक भोजन की तलाश में रहते हैं. ऐसे में बाजार में गोल्डन बीन की डिमांड तेजी से बढ़ी है. गोल्डन बीन के नाम से मशहूर सोयाबीन की खेती भी फायदेमंद है. यह फसल किसान को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है. यह खेती पारंपरिक खेती से अलग है.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके राय ने Local 18 को बताया कि जलवायु परिवर्तन होने की वजह से कई बार समय पर बारिश नहीं होती है. ऐसे में किसान ों को मौसमी फसलों में नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार समय पर बारिश नहीं होने से धान की फसल को भारी नुकसान होता है. उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में किसान सोयाबीन की खेती कर अपने नुकसान को कम और मुनाफे को बढ़ा सकते है ं. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसान को कम लागत में अधिक मुनाफे के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मध्य प्रदेश के जबलपुर से सोयाबीन की उन्नत किस्म तैयार की गई है.

सोयाबीन का बीज लगाने का सबसे बेहतर समय मई-जून में होने वाली पहली बारिश है. पहली बारिश में जब खेत में नमी आ जाती है, तब इसकी बुआई करनी चाहिए. सोयाबीन की खेती के समय खेत में पानी का जलजमाव नहीं होना चाहिए. आगे बताया कि सोयाबीन के बीज की बुआई के समय पौधे से पौधे की दूरी 5 से 10 सेंटीमीटर, लाइन से लाइन की दूरी 45 से 50 सेमी रखने से पौधों को भरपूर पोषण मिलता है और किसान को बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है. एक हेक्टेयर में किसान को 25 से 30 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है.

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