भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए अगले महीने करतारपुर कॉरिडोर खोल दिए जाने की संभावना है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए शुल्क को लेकर विवाद बना हुआ है. इस पर अभी पाकिस्तान की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है.
श्रद्धालुओं के दर्शन को लेकर शुल्क नहीं लेने की भारत की मांग पर पाकिस्तान की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है. हमने कहा है कि यह आस्था का मसला है और इसमें फीस नहीं लेनी चाहिए. लेकिन पाकिस्तान के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं से दर्शन को लेकर पाकिस्तान $20 की सर्विस फीस को लेकर अड़ा हुआ है. जबकि भारत का कहना है कि यह भावनाओं का मामला है और इसको लेकर कोई शुल्क नहीं ली जानी चाहिए.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के करतारपुर साहिब जाने की खबर पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अभी आगे की स्थिति के बारे में कुछ कह नहीं सकते. इस पर बाद में चर्चा होगी. पहले हमारे अग्रीमेंट पर जवाब का इंतजार है.पिछले महीने पाकिस्तान की ओर से ऐलान किया गया कि भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर को खोल दिया जाएगा. लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नरोवाल में प्रस्तावित करतारपुर कॉरिडोर के लिए स्थानीय और विदेशी पत्रकारों की पहली यात्रा के दौरान इसको लेकर घोषणा की गई.
पाकिस्तान ने भारत के सामने पहले भी तीसरे चरण की बैठक के दौरान यह मांग रखी थी. हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि यह सर्विस फीस होगा न कि प्रवेश शुल्क.
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