कब तक निर्भया कहते रहेंगे हम, कब बेटियां निर्भय हो पाएंगी

  • 📰 Amar Ujala
  • ⏱ Reading Time:
  • 102 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 44%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

कब तक निर्भया कहते रहेंगे हम, कब बेटियां निर्भय हो पाएंगी KabTakNirbhaya कबतकनिर्भया

की राजधानी हैदराबाद में एक युवती को दुष्कृत्य के बाद जलाकर मार दिया गया। इस घटना से देशभर में भावनाएं एकबार फिर उबल पड़ी हैं।

ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन है, प्रशासन जो नागरिकों की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी है। या फिर समाज खुद, अपने अपनी बेटियों की रक्षा नहीं कर पा रहा है। ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिएइस तरह की घटनाएं हमारे देश में रुक नहीं रही हैं। चिंताजनक बात यह है कि इससे देश के सिस्टम को कोई फर्क भी नहीं पड़ रहा है। 2012 में जब मेरी बेटी के साथ घटना हुई थी तो पूरे देश में धरना—प्रदर्शन हुआ था। लेकिन सब बेकार होता दिख रहा है। मामले को अदालत में सात में साल हो गए हैं। दो बार सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ चुका है...

जिस पर गुजरती है, वही दर्द भी जानता है। आज मेरे पास बेटी नहीं केवल उसकी यादें हैं। एक तरफ तो कहा जाता है बच्चियों को पढ़ाओ, लेकिन सच्चाई यह है कि बच्चियों को छिपाकर रखने जैसे हालात हैं। हैदराबाद में बेटी काम के बाद वापस लौट रही थी। उसकी गलती क्या थी, जो उसके साथ ऐसा हुआ। दरअसल सजा न मिलने से मुजरिमों के हौसले बढ़े हुए हैं। देश में ऐसे मामलों की भरमार है, जिसमें बलात्कार करने वाले आरोपी पीड़ितों को धमकी देते हैं। पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने पर हत्या तक की कोशिश होती है। बलात्कारियों को छोड़ेंगे...

फास्ट ट्रैक को वाकई फास्ट बनाए जाने की जरूरत है। मैं 2012 से कह रही हूं कि हमें इन दरिंदों के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए वरना वो ऐसे ही बलात्कार करते रहेंगे।जानिए: इन सवालों पर क्या था निर्भया की मां का जवाबमां होने के नाते, आपके अनुसार ऐसे लोगों को क्या सजा मिलनी चाहिए? की राजधानी हैदराबाद में एक युवती को दुष्कृत्य के बाद जलाकर मार दिया गया। इस घटना से देशभर में भावनाएं एकबार फिर उबल पड़ी हैं।अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ रजिस्टर्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैंपूर्ण विश्लेषण के साथ विचारपूर्ण...

ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन है, प्रशासन जो नागरिकों की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी है। या फिर समाज खुद, अपने अपनी बेटियों की रक्षा नहीं कर पा रहा है। ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिएसवाल:हैदराबाद वाली घटना के लिए असली जिम्मेदार कौन है?इस तरह की घटनाएं हमारे देश में रुक नहीं रही हैं। चिंताजनक बात यह है कि इससे देश के सिस्टम को कोई फर्क भी नहीं पड़ रहा है। 2012 में जब मेरी बेटी के साथ घटना हुई थी तो पूरे देश में धरना—प्रदर्शन हुआ था। लेकिन सब बेकार होता दिख रहा है। मामले को अदालत में सात में...

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

सोसल मिडिया पर बोलने से कुछ नहीं होता | अगर कुछ करना चाहते हो तो रियलिटी मे कुछ करो

कभी नही। क्योंकि हम कुणठित समाज हैं।

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 12. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

आज तक @aajtakपूछता है आजतक निर्भया कांड कब तक? देखिए हल्ला_बोल Chitraaum के साथ। ATLivestream chitraaum कुलदीप सेंगर.. आशाराम.. रामरहीम.. चिन्म्यानंद.. जैसे को फांसी दी होती तो आज प्रियंका_रेड्डी 👉जिंदा होती !!🤔 chitraaum chitraaum Tab tak jab tak godi media hai
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

लंदन: छुरेबाज़ी में दो मरे, हमलावर की भी मौतहमलावर की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है. लेकिन पुलिस ने इसे 'आतंकी हमला' क़रार दिया है. Peaceful community wala hoga. Good news Britishers has killed and looted Indian n d world in d name of business like east India company हहह हहह हहह हहह हहह हहह हहह यही तो सेकुलरवाद है । हहह हहह हहह हहह हहह हहह हहह
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

तेलंगाना की डॉक्टर से बलात्कार और हत्या क्या रोकी जा सकती थी? | DW | 29.11.2019तेलंगाना में महिला डॉक्टर के साथ जो हुआ उससे सवाल उठता है कि क्या निर्भया कांड के बाद भी देश में महिला सुरक्षा की बात सिर्फ कागजी है.
स्रोत: DW Hindi - 🏆 8. / 63 और पढो »

'जो करना है कर लो, अब डरने का मन नहीं करता', संसद के बाहर बैठी दिल्ली की बेटी ने दागे सवाल'जो करना है कर लो, अब डरने का मन नहीं करता', संसद के बाहर बैठी दिल्ली की बेटी ने दागे सवाल AnuDubey Anudube Nirbhaya HyderabadHorror मोदी, केजरीवाल शर्म करो, बहादुर बेटी पर गर्व करो Jago ab nehi to kab nehi अब तो पानी सर से ऊपर हो गया है जनता/महिलाओं को चाहिए जीले के विधानसभा में प्रदर्शन करें ।
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

निर्भया फंड का ज्यादातर हिस्सा नहीं हुआ इस्तेमाल, संसद में ईरानी का जवाबबहुत खूब पता नहीं कौन मोमबत्तियां पकड़ना सिखा गया हमें.. वरना नारी के सम्मान में तो लंका दहन कर दिया था। Garment workers for priyanka reddy and others peoples
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

Aarey पर बोले उद्धव ठाकरे- विकास कार्य होते रहेंगे, पर नहीं कटने दूंगा एक भी पेड़पहले जब शिवसेना महाराष्ट्र की पूर्व की देवेंद्र फडणवीस सरकार मे शामिल थी तब उस वक्त भी उसने Aarey में पेड़ों की कटाई को लेकर अपना विरोध जताया था। Well done OfficeofUT 👍👍 प्रकृति के विरूद्ध आचरण अंततः विनाशकारी,आधुनिकता संबंधित विकास के लिए मानव-हितैषि व प्राण वायु उत्सर्जित करनेवाले पेड़ों को काटना मानवीयता नहीं पाशविकता हीं है क्योंकि परमेश्वर प्रदत्त प्रकृति के लिए पर्यावरणीय संरक्षण वर्तमान के लिए हीं नहीं अपितु भविष्य के लिए भी हितकारी ।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »