उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा दिया है, न अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर हैं, और ना ही ऑक्सीजन.समस्या काफ़ी बड़ी और गंभीर है, इस अफ़रा-तफ़री के माहौल में सरकार कुछ कोशिशें कर रही है लेकिन निकट भविष्य में पूरा समाधान संभव नहीं लगता.
श्रद्धा के भाई ने बीबीसी को बताया, "हमें एक ऑक्सीजन सिलेंडर 35 हज़ार का ख़रीदना पड़ा, दूसरा तो किसी भी दाम पर नहीं मिल रहा था."डॉ. योगेश की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी, बावजूद इसके उन्हें कहीं बिस्तर नहीं मिल सका क्योंकि लखनऊ के अधिकतर अस्पतालों में ऑक्सीजन की क़िल्लत है. डॉ. अबु सूफ़ियान 'यूनिवर्स हॉस्पिटल' के नाम से एक छोटा अस्पताल चलाते हैं जिसमें दो वेंटीलेटर और पाँच ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं. गुरुवार को उनके अस्पताल में ऑक्सीजन ख़त्म हो गई तो उन्हें मरीज़ों को डिस्चार्ज करना पड़ा.
डॉ. कटारिया कहती हैं, "ब्लड थिनर, रेमडेसिविर या कोई भी दवा देने से पहले हम ऑक्सीजन ही देते हैं. सामान्यतः आक्सीजन 97-98 प्रतिशत होती है. शरीर में ऑक्सीजन कुछ देर के लिए 90-88 भी है तो व्यक्ति कुछ समय तक तो बर्दाश्त कर सकता है लेकिन अगर ऑक्सीजन लेवल इससे नीचे जाता है तो जान बचने की संभावना कम होती जाती है. ऐसे में ऑक्सीजन सबसे पहली दवा है."डॉ. कटारिया कहती हैं, "निश्चित तौर पर गंभीर मरीज़ों को ऑक्सीजन देने पर राहत मिलती है. हर मरीज़ की ऑक्सीजन की ज़रूरत अलग होती है.
स्टील प्लांट के मालिक योगेश अग्रवाल कहते हैं, "हम ज़रूरत की ऑक्सीजन लोगों को मुफ़्त में दे रहे हैं. हम रोज़ाना 1200 सिलिंडर भर रहे थे. लेकिन ये भी नाकाफ़ी हैं. हम अब अपनी क्षमता को 1800 सिलिंडर प्रतिदिन कर रहे हैं. कोई भी ख़ाली सिलिंडर लाकर ऑक्सीजन भरवा सकता है."योगेश अग्रवाल कहते हैं, "उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन की ज़रूरत पूरा करने के लिए बाहरी राज्यों पर निर्भर है. हमनें स्टील उत्पादन के लिए ये प्लांट लगाया था.
आशी ने हर स्तर पर मदद की गुहार लगाई है लेकिन कोई उनके पास नहीं पहुँचा हैं. इस संवाददाता ने भी कई अस्पतालों से बिस्तर की उपलब्धता को लेकर संपर्क किया लेकिन कहीं बिस्तर उपलब्ध नहीं हो सका.एक अस्पताल के कर्मचारी का कहना था, "बिस्तर मिल भी गया तो क्या होगा, ऑक्सीजन ही नहीं मिल पा रही है."
इसमें कौन सी बड़ी बात है आपके पास पैसा है गाड़ी बंगला है उनको क्या दिक्कत है
70,000 tak bika hai cylinder
जान बचानी है तो खरीदना पड़ेगा।
😁😁😁
35k nahi 60k mein bik raha.
Very good
myogiadityanath
आपदा में अवसर देख कर 1400 रुपये का ऑक्सीजन सिलेंडर 35 हजार में मिल रहा है साहब के राजकाल में तिजोरी भरने में लगे हैं
Yogi Bengal me ja kr bol rha Tha ki ham Bengal ko UP bnana chah rhe hai 🤣🤣🤣🤣
UPGovt Uppolice ऐसा क्यों है
Mandir k lie lucknow walon ne vote diya , Ayodhya me mandir ban raha hai..fir shikwa kaisa
Sab modi aur yogi ki kirpa hai aur han ajkal akshay kumar kagna rona awat jyse mahapurshon ka koi bayan nahi ara ya coronavirus ke dar bathroom me chhupe baythe hai
कहते हैं इंसान का शरीर मर जाता है और आत्मा भटकती रहती है पर साहेब का उल्टा है , आत्मा मर चुकी है बस शरीर भटक रहा है ?👌💐
35 nhi 80 हजार में
Public ko kuch karna hoga abb ...... jo loote use sahi se kooto.....👊🏿
It's possible in India ? I don't know how .....
मर जाओ यार कितना आपदा में अवसर ढूंढोगे भोसड़ी के मर क्यों नही जाते सुवर कहि के
जिंदगी भर दिल दिल करते रहे.. इस वायरस ने समझाया की 'फेफड़े' भी जरूरी हैं
इन आपदा मे अवसर वाले हरामखोरो को बम्पर वोट से जितवाने वाले बहुसंख्यक गरीब ही थे क्युकि देश में अमीर तो मुट्ठीभर ही है ?
देश का गरीब आदमी 35हजार रुपए में ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं खरीद सकता है।
योगी को जानकारी दे
Modi h to mumkin h
Mandir masjid ,hindu muslim ke naam par vote dene ka result.....
यही है बीजेपी मोदी सरकार का कुशासन जो सरकार जनता को आक्सिजन तक नही दे सकती वो क्या खाक जनता कि सुरक्षा करेगी.
Kya log Abhi bhi Modi-Modi aur Hai Shri Ram kahenge?
Who are those black marketer's?
35 नहीं साहब 40 का है
यहां एक रूपये में उपलब्ध है
यही साहेब ने कहा था अच्छे दिन आयेगे ,अब आ गये , साहेब कभी झूठ नहीं बोले और सच के करीब नहीं गये।
मरते हूऐ लोग रेट नहीं देखते 35 हजार मे भी मील रहा है यही बहूत है
सच में मेरा देश बदल रहा है 👍
जनता जागे तब डबल तबाही भागे!
shayari narendramodi rajnathsingh myogiadityanath
AfzalSpeaks जिनके पास धन है वो तो खरीद लेगा गरीब आदमी मर जाए क्या
राम राज अपने चरम पे है
Aur bolte hai ki Yogi Sarkar acha kaam kar rahi hai .. sach mein U.P main insaniyat khatam hai. upkasatyanash yoginakarpayega UttarPradesh
बीबीसी वालों कभी दिल्ली मुम्बई छत्तीसगढ़ का भी डाटा दिखा दिया करो वामपंथी के दलालों
BBC तो फ्री में कहाँ बंट रहा है? पूरे देश मे ही ये हाल है!!!!
शायद इसे ही कहते हैं आपदा में अवसर! हे भगवान हमारी रक्षा कर!
कहते हैं, वक्त सबका आता है।
बहुत शर्मनाक बात है
My God
वाह रे जोगी वाह...
*भारत में फिल्मों को तो टेक्स फ्री की जाती है* *पर आपत्ति काल में दवाओं* *को टेक्स फ्री नहीं कर सकते , सोचना पड़ेगा ।*
Ashutosh Singh
या अल्लाह
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