विश्वभर के वैज्ञानिक और दवाई सुरक्षा नियामक ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ब्रेन स्ट्रोक वाकई वैक्सीन के कारण ही हो रहे हैं. ये कितना बड़ा ख़तरा हो सकता है और कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम के लिए इस ख़तरे के क्या मायने हो सकते हैं.अब तक की बात करें तो इसके बारे में पुख्ता तौर पर अभी कोई जानकारी नहीं है.
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ये अजीब तरह के ख़ून के थक्के हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि कुछ गड़बड़ हो सकती है. दुनियाभर में टीकाकरण से जुड़े आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने बताया है कि एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन लगवाने वाले 60 साल की उम्र तक के एक लाख लोगों में से एक व्यक्ति में सेरीब्रल वीनस साइनस थ्रॉम्बोसिस यानी सीवीएसटी देखा गया है.हालांकि अब तक ये नहीं पता कि जिन मामलों में मस्तिष्क में ख़ून के थक्के पाए गए, उनमें से कितने मामलों में पहले से ही मरीज़ को कोई समस्या थी..
कोरोना की बीमारी कभी खत्म नहीं हो सकती वेक्सीन उपलब्ध है तो डर क्यो, सरकार कब तक lockdown करेगी इसका जवाब है कुछ सरकार के पास
यदि ऐसा खतरा है तो सरकार को बंद कर देना चाहिए।इससे कुप्रभाव का खामियाजा जनता क्यों भुगतेगी।
15 August को लाल किले से घोषणा करने के लिए कोई मरा जा रहा था।
22 cases out of 18.1 million as per UK government. So you tell us.
भैक्सीन