एन. रघुरामन का कॉलम: गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए हमें न सिर्फ व्यक्तिगत सेहत बल्कि हमारे व्यवहार व जिस समाज से हमारा वास्ता है, उन लोगों से बातचीत में भी ध्यान देने की जरूरत है

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एन. रघुरामन का कॉलम: गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए हमें न सिर्फ व्यक्तिगत सेहत बल्कि हमारे व्यवहार व जिस समाज से हमारा वास्ता है, उन लोगों से बातचीत में भी ध्यान देने की जरूरत है Opinion nraghuraman

For A Quality Life, We Need To Pay Attention Not Only To Individual Health But Also In Our Behavior And Interaction With The People We Belong To.

शहर में रहने वाले सेल्फ-एम्प्लॉयड जैसे स्टेशन के कुली, कैब चालक और छोटे अस्थायी दुकानदार जैसे मंदिर के सामने फूल बेचने वाले आदि अब पूरी तरह बदल गए हैं। संपूर्ण लॉकडाउन में उनकी आमदनी पूरी तरह मारी गई इसलिए वे जितना जल्दी हो सके, गंवाए पैसों को वापस कमाना चाहते हैं। चूंकि वे रोज कमाकर खाने वाले लोग हैं ऐसे में मुमकिन है कि वे कर्ज के भंवरजाल में गंभीर रूप से फंस गए हों।

ये भी है कि वे पाबंदियों के 15 महीनों में गंवा चुके पैसों को बिजनेस खुलने के शुरुआती दो महीने में ही कमाने की उम्मीद नहीं कर सकते। उन्हें ये भी समझना होगा कि ग्राहक भी उसी परिस्थिति से गुजरे हैं, जहां उनकी भी आमदनी नहीं हुई या कम हुई और इन असंगठित कामगारों द्वारा मांगा गया बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ शुल्क देने के लिए वे तैयार नहीं हैं। तीन ट्रेन यात्राओं में मुझे अपना भारी सामान छह बार उठाना पड़ा- तीन बार ट्रेन में चढ़ाने के लिए और तीन बार स्टेशन से बाहर निकलने के लिए। मैंने सिर्फ दो बार कुली किया, जहां...

 

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