2023 में जर्मनी में हुए नेट इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन में अक्षय ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी 59 फीसदी से ज्यादा रही. बिजली बनाने में लिगनाइट और कोयले का इस्तेमाल घटा. पिछले साल 139.9 टेरावॉट उत्पादन के साथ पवन ऊर्जा बिजली का सबसे बड़ा स्रोत साबित हुआ.दुनिया में जीवाश्म ईंधनों की खपत और ऊर्जा क्षेत्र से होने वाले ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 2023 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
जानकार जोर देते हैं कि जीवाश्म ईंधनों को फेज-आउट, यानी धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से उनका इस्तेमाल घटाने के साथ-साथ कम उत्सर्जन वाले स्रोतों से ऊर्जा आपूर्ति बढ़ाने की भी जरूरत है.यह जानकारी एनर्जी इंस्टिट्यूट की स्टैटिस्टिकल रिव्यू ऑफ वर्ल्ड एनर्जी की रिपोर्ट में सामने आई है. प्राइमरी एनर्जी से आशय उस ऊर्जा तत्व से है, जिसे एनर्जी के किसी प्राकृतिक स्रोत से हासिल किया जा सकता है. यह ऊर्जा की वह मात्रा है, जो परिवर्तित किए बगैर उस स्रोत में मौजूद होती है.
केपीएमजी कंसल्टेंसी के सिमोन विर्ले ने जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल में गिरावट ना आने पर चिंता जताते हुए बताया,"एक ऐसे साल में, जहां हमने अक्षय ऊर्जा स्रोतों के योगदान को रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ते देखा, दुनिया में एनर्जी की मांग का स्तर भी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा. इसका मतलब है कि जीवाश्म ईंधनों से ऊर्जा का जो हिस्सा मिलता है, उसमें कमोबेश कोई बदलाव नहीं आया है."
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