इस बार 'हामिद' ईदगाह नहीं जाएगा, न ही अपने किसी प्रिय के लिए कोई तोहफ़ा ख़रीदेगा, जैसे कि प्रेमचंद की कालजयी रचना ईदगाह में उसने दादी के लिए चिमटा ख़रीदा था.
कवि रामशरण जोशी इन बातों को मुस्लिम समाज में 'नई चेतना की शुरुआत' के तौर पर देखते हैं तो राजनीतिक विश्लेषक भारत भूषण का मानना है कि ये 'मुस्लिम समाज में हो रहे बदलाव की प्रक्रिया का हिस्सा है जिसकी लौ नागरिकता क़ानून के विरोध प्रदर्शन से निकली है.वहीं मानवधिकार कार्यकर्ता ओवैस सुल्तान ख़ान के मुताबिक़ इसे समुदाय में उभर रही नई लीडरशिप की छाप के तौर पर देखा जा सकता है जो नई सोचों को नई रोशनी में पेश करने की कोशिश कर रहा है.
लेखिका रक्षंदा जलील कहती हैं कि मुस्लिम समाज का बड़ा तबक़ा, जिसमें पढ़ा-लिखा नौजवान भी शामिल है इस तरह के इल्ज़ामों से बेहद सदमे में हैं और शायद यही वजह है कि समुदाय के कुछ लोग इस तर्ज़ पर भी सोच रहे हैं कि ईद की ख़रीदारी इसलिए भी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे बाज़ारों में भीड़ लगेगी और वायरस के फैलाव की ज़िम्मेदारी फिर से उनपर थोपी जाएगी.
आइने का कारोबार करनेवाले मलिक ने अपने बेटे को भी ईद की शॉपिंग न करने को समझा लिया है और इरादा है कि इससे बचे पाँच हज़ार रूपयों को वो अलीगढ़ के अपने गांव जाकर ज़रूरतमंदों में बाँट देंगे. रमज़ान शुरू होने के लगभग हफ़्ता भर पहले इस्लाम की अलग-अलग विचारधाराओं- शिया, सुन्नी, अहले हदीस वग़ैरह से जुड़े रहनुमाओं ने साझा तौर पर एक विस्तृत अपील जारी की, जिसमें समाज और देश की तरफ़ कर्तव्यों की बात कही गई थी.
जान बचाओ।
gobackindia
राम नवमी पर कोई मंदिर नही गया दुर्गा माता के पंडाल नहीं सजे तब bbc कहाँ मर गया था
dukhad
Bcoz of Covid'19
तु चला जा तुझे भी तो तेरी अम्मी के लिए कुछ खरीदना है
इंग्लैड में गये थे कि हालात है बताना जरा, आकथु
Kyunki usse marna nahi hai. Tumhe jaldi hai to tum ja aana. Ghatia media
कई राज्यों में रायता किसने फैलाया है!
ये शायद इतिहास की पहली ईद होगी जिसकी बेसब्री से प्रतीक्षा'धर्मविशेष'से ज्यादा संढी मडिया कररही है अपने डिजिटल कैमरे & भोपूओ से सुसज्जित 'सुविधाजनक' रिपोर्टरों & कैमरामैनों के साथ !!!! 😂😂
Qki hamid ke paas lockdown ki karan paise nahi or kapde bi ni hai
बहुत अच्छा बच्चा था दादी मां का बड़ा ख्याल रखता फिरबड़ा हो गया कट्टरपंथी बन गया और गुड़गोबर करने लगा,,मातृभूमि वाली मां से गद्दारी पर उतर आया,जनम देने वाली मातृभूमि पर थूकने लगा ,,अपनी बहनों के सामने नग्न होने लगा,,देश के संविधान को नकारने लगा,,और विदेशियों को अपना बाप मानने लगा
क्योंकि हामिद के अब्बाओ ने पुरे देश में कोरोना का आयात निर्यात कर दिया है जब हामिद घर से निकलेगा तो उसे भी कोरोना रुपी बिमारी फैलने के चांस रहेंगे इसलिए हामिद तुझ जैसे दलाल के न चाहते हुए भी प्रेमचंद का हामिद घर पर इस बार रहेगा।
bbchindi_fakenews bbchindi_propagenda_news the1975 COVID19 coronavirus
Munshi Premachand's written novel Eidgah one of the best novel because in it emotions, care and most important some people need our Charity to become happy.
alla paakam paak hai shaq karro je dusar hovey
BBC....... Bharat k bura chahne waala 🤣🤣😂😂🤣
Stay home stay safe.... Eid to Next year bhi ayegi..... But Hamid gya to kbhi nhi ayega..... 😊
क्यो तुम ईद पर हामिद को कोरोना देने के लिए उकसा रहे हो कोई जिम्मेदारी भी देश के प्रति
अगर जाएगा भी , तो तशरीफ में लाठी खाए बिना नहीं आएगा
नहीं जायेगा वही ठीक है नहीं तो मिडिया के कुत्ते हड्डीया चाटने लगेंगे
Haa bhai tujhe pta ni h corona lockdown chal rha h, jya yar har bat pr majhab aur politics
हामिद तो साफ-सुथरे कुरता पायजामा पहनकर और इत्र लगाकर तैयार बैठा हैं नमाज पढ़ने के लिए लेकिन हाक़िम लॉकडाउन में ढील देकर ईदगाह में जाकर नमाज अदा करने की इजाजत तो दे.🙏😷🙏
कोई बात नहीं अगले साल चला जायेगा
हर जगह अपनी मत इज़त खराब कर । नवरात्रि पर क्यू नही कर पाया इस बार हिन्दू पूजा पहले ये बता
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