इसी जज्बे से हारेगा कोरोना: कानपुर के रामनगर गांव में 180 युवाओं ने बनाया अपना कोविड केयर फंड; अब राहत की दवा बांट रहे, 1 माह में 20 की हुई थी मौत

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इसी जज्बे से हारेगा कोरोना: कानपुर के रामनगर गांव में 180 युवाओं ने बनाया अपना कोविड केयर फंड; अब राहत की दवा बांट रहे, 1 माह में 20 की हुई थी मौत uttarpardesh covidcarefund CoronaPandemic

Kanpur Coronavirus Latest Update; Uttar Pradesh Ramnagar Village Set Up Own Covid Care Fundकानपुर के रामनगर गांव में 180 युवाओं ने बनाया अपना कोविड केयर फंड; अब राहत की दवा बांट रहे, 1 माह में 20 की हुई थी मौतकोरोना से 20 अपनों को खोने वाले कानपुर के रामनगर गांव में अब जिंदगी रफ्तार पकड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग से सहयोग न मिलने के बाद गांव के 180 युवाओं ने एक टोली बनाई गई है। गांव का कोविड केयर फंड बनाया। इस फंड में अब तक एक लाख से अधिक रुपए इकट्ठा हो चुके हैं। युवाओं की टीम अब जरुरतमंदों को...

इसी गांव में रहने वाले रजनीकांत की मां रागिनी 15 अप्रैल को वोट करके आई तो तबीयत खराब हुई। तेज बुखार और सांस लेने में परेशानी होने पर उनको हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 23 अप्रैल को दम तोड़ दिया। इसी गांव की गीता त्रिपाठी सहित 20 लोग अस्पताल या घर में दम तोड़ चुके हैं।एक के बाद एक मौत से पूरा गांव मातम में डूब गया। लेकिन युवाओं ने हार नहीं मानी। सोशल मीडिया पर गांव के युवाओं को जोड़कर सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाया गया। जिसमें अब तक 180 लोग जुड़ चुके हैं। गांव का कोविड केयर फंड बनाया गया।...

अप्रैल माह में इस गांव में 14 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 25 लोग अलग-अलग अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। इस बीच स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक ग्रामीणों ने इलाज के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन उसका कोई नतीजा सामने नहीं आया। स्वास्थ्य विभाग की टीम खानापूर्ति करते हुए सिर्फ दो बार आकर 20-20 लोगों का सैंपल ले गई। लेकिन न कोरोना किट में मिलने वाली दवाई वितरित की गई और न ही किसी और तरह से स्वास्थ्य विभाग सहयोग मिला।बीमार लोगों को कराया क्वारैंटाइन, समय-समय पर चेक किए ऑक्सीजन...

स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैया के बाद गांव वाले खुद ही सक्रिय हुए। गांव में जो गंभीर बीमार थे उनको अस्पताल में भर्ती कराया। बाकी को घरों में ही क्वारैंटाइन कर इलाज शुरू कराया गया। मरीजों के ऑक्सीजन लेवल कम होने पर घरों में ऑक्सीजन सिलेंडर तक उपलब्ध कराया गया। ऑक्सीमीटर से मरीजों की रेगुलर ऑक्सीजन लेवल चेक किया गया। अब हालात सुधरने लगे हैं। अब गांव में कोई भी गंभीर मरीज नहीं है।

 

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