इनपर हत्या, लूट और वसूली के 200 से ज्यादा मामले, कोई 5 बार विधायक रहा तो कोई 24 साल से लगातार जीत रहा चुनाव

  • 📰 Dainik Bhaskar
  • ⏱ Reading Time:
  • 90 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 39%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

यूपी के 5 बड़े माफिया की कहानी / इनपर हत्या, लूट और वसूली के 200 से ज्यादा मामले, कोई 5 बार विधायक रहा तो कोई 24 साल से लगातार जीत रहा चुनाव KanpurShootout UPGovt CMOfficeUP

मुख्तार अंसारी के खिलाफ 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं, उसके दोनों बेटे करोड़पति हैं, उसका भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से सांसद है

बद्दो को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी किया था। लेकिन पुलिस के हाथ वह नहीं लगा। इसके बाद 28 मार्च 2020 को फिर से लुक आउट नोटिस की अवधि को आगे बढ़ाया गया। बद्दो पर करीब 40 अन्य मामले दर्ज हैं। इनमें फिरौती वसूलने से लेकर हत्या और हत्या की कोशिश, अवैध हथियार रखने और उनकी आपूर्ति करने, बैंक डकैती जैसे मामले शामिल हैं।

1986 से 2007 तक अतीक पर एक दर्जन से ज्यादा मामले केवल गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किए गए। 1989 में चांद बाबा की हत्या, 2002 में नस्सन की हत्या, 2004 में मुरली मनोहर जोशी के करीबी भाजपा नेता अशरफ की हत्या, 2005 में राजू पाल की हत्या। सभी का आरोप अतीक पर लगा। लोग कहते हैं कि जो भी उसके खिलाफ सिर उठाने की कोशिश करता है वह मारा जाता है।

मुख्तार का जन्म यूपी के गाजिपुर जिले में हुआ था। उसके दादा इंडिन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे तो पिता कम्युनिस्ट नेता थे। मुख्तारी को छात्र जीवन से ही दबंगई पसंद थी। 1988 में मुख्तार का नाम पहली बार हत्या के एक मामले से जुड़ा। हालांकि सबूतों के अभाव में वह बच निकला। इसके बाद 90 के दशक आते-आते वह ज़मीन के कारोबार और ठेकों की वजह से पूर्वांचल में अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बना चुका था। 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से भी अंसारी का नाम जुड़ा...

बृजेश सिंह वाराणसी से एमएलसी है। उस पर 30 से ज़्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। यूपी पुलिस ने उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। बृजेश का नाम गैंगस्टर और डॉन के तौर पर तब स्थापित हुआ जब जेजे अस्पताल शूटआउट में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। हालांकि सबूतों के अभाव में वह बच निकला। 2008 में बृजेश सिंह को उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया था। अब वो जेल में बंद हैं। वाराणसी की एमएलसी सीट पर बृजेश और उसका परिवार पिछले 4 बार से जीतता रहा है। धनंजय सिंह पूर्वांचल का बाहुबली माना जाता है। उस पर लगभग 40 आपराधिक मामले दर्ज हैं। धनंजय सिंह ने दो बार विधानसभा और एक बार लोकसभा का चुनाव जीता है। धनंजय सिंह ने छात्र राजनीति से ही अपनी पहचान...

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

UPGovt CMOfficeUP sab sapa ke hai

UPGovt CMOfficeUP Bjp me to sabi gunde h

UPGovt CMOfficeUP I think yogi govt is really incapable of controlling crime if he want he can completely eradicate this mafias in a single dayy but no he will not do that.....aap chronology samajhye ....kaun villain kis villain ko support kar raha....

UPGovt CMOfficeUP Sb ka encounter kra de Government

UPGovt CMOfficeUP अबू सलेम क्यों नहीं है इसमें

UPGovt CMOfficeUP एक बार मोदी जी ने कहा था, अपराधिक मामलों वाले सभी राज नेताओं के लिए जल्दी फैसला देने वाली कोर्ट का गठन करेंगे। क्या क ई सरकारों का गिरने की संभावना से विचार ठंडे बस्ते में विचार को डाल दिया गया?

UPGovt CMOfficeUP ASHUR WADH KARHU SUDDH PRABHU RAM SHRI DHAMA UTTAM PRADESH AWADH PURI KEERTI SUNAMA

UPGovt CMOfficeUP लोगों के काम आते रहिए, क्योंकि कुदरत का एक उसूल है, जिस कुएं से लोग पानी पीते रहें वो कभी सूखता नहीं।

UPGovt CMOfficeUP गुमनामी की जिंदगी

UPGovt CMOfficeUP isme dogi ji ka naam nahi hai dogi ji ka gauravshali bhavishya- dhara-147,148,295,297,153A,307,506,302,427,133A.

UPGovt CMOfficeUP Naan ke sath Political Party ka naam likne mein kya gaand fhatati hai kya Bhand aak thoooo

UPGovt CMOfficeUP 4-5 baar se sansad bhi

UPGovt CMOfficeUP GHOR KALYUG

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 19. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

CoronaVirus Alert: ICMR के वायरोलॉजिस्ट ने बताया शव से संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहींCoronaVirus Alert दुनिया भर में कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति के शव संग हो रही अमानवियता के बीच ICMR का ये खुलासा बेहद अहम है। संक्रमण के डर से लोग अपनों का शव तक नहीं ले रहे। शव के ऊपर के गहने मांग लेते हैं लेकिन मुखाग्नि देने नहीं जाते, यही कारण है कि ये सूचना देनी पड़ रही है So now Bombay patients can sleep with dead bodies?
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

सियोल में अमेरिकी दूत के आने से पहले उत्तर कोरिया बोला, ‘नहीं करेंगे कोई वार्ता’सियोल में अमेरिकी दूत के आने से पहले उत्तर कोरिया बोला, ‘नहीं करेंगे कोई वार्ता’ NorthKorea America KimJongUn realDonaldTrump
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत अब 5 लाख से ज्यादा का कवर, बदले ये नियमAarogya Sanjeevni Policy: अब कोई भी बीमा कंपनी इस स्कीम के तहत 5 लाख रुपये से ज्यादा का कवर बीमा धारक को प्रदान कर सकती है। इसके अलावा IRDAI ने बीमा कवर की न्यूनतम सीमा 50,000 रुपये कर दी है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

नेपाल से बिगड़े रिश्तों से भारत के इस राज्य को हुआ बड़ा नुकसान - trending clicks AajTakकोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन और नेपाल से चल रहे तनाव के कारण भारत के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा भारत में बहुत से काम करने वाले हैं उनको काम दिया जाए नेपाल के मजदूरों की जरूरत नहीं
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

ओवैसी ने पूछा, ना कोई घुसा है, ना कोई घुसा हुआ है तब 'डी-एस्केलेशन' क्यों?AIMIM चीफ ने कहा कि हम चीन पर भरोसा क्यों कर रहे हैं, जब 6 जून के समझौते के बाद उसने धोखा किया है. क्या चीन ने डी-एस्केलेशन का भी वादा किया था? Great leader of India He needs to understand some term LAC,LOC and disputed area. Es padhe like gawar se koi ye puche LAC hai kya
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

India-China: ना कोई घुसा है, ना कोई घुसा हुआ है तब 'डी-एस्केलेशन' क्यों?: ओवैसीहैदराबाद न्यूज़: भारत-चीन सीमा विवाद (India-China Border Dispute) के बीच सोमवार को दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी ने पूरे घटनाक्रम को लेकर तीन सवाल उठाए हैं। Illiterate logo ko koi jawaab nhi बिहार इलेक्शन के बाद मोदीजी ने क्लास लेंगे। तब समझ जाएंगे। इसे ही मदरसा छाप कहते हैं ।
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »