आर्थिक आधार पर आरक्षण : पर्दे के पीछे का पूरा खेल, कैसे हुआ फैसला और इसमें क्या है कांग्रेस का हाथ

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आर्थिक आधार पर आरक्षण : पर्दे के पीछे का खेल, कैसे हुआ फैसला और इसमें कितना है कांग्रेस का हाथ Reservation

 

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Congres ka hath Yahan bhi gulami

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खबरदार: मोदी की 'आरक्षण गुगली' में फंसा विपक्ष! Khabardar: Opposition questions Modi govt's quota politics - khabardar AajTakआरक्षण से बाहर गरीबों को आरक्षण का अधिकार देने की पहल करने वाला बिल ऐतिहासिक है, क्योंकि पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी आरक्षण का आधार आर्थिक हालात को माना जा रहा है. जिस पर बरसों से बहस होती रही है कि क्या आरक्षण का आधार यही होना चाहिए. कि जिसे ज़रूरत है उसे ही आरक्षण का सहारा मिले फिर चाहे वो किसी भी जाति का हो किसी भी धर्म का हो इन्हीं मायनों में इस बिल को ऐतिहासिक माना जा रहा है. देखें- ये पूरा वीडियो. SwetaSinghAT 2 crore jobs a year (5 yrs * 2 Cr = 10 crore jobs) would have been million times better than this reservation. SwetaSinghAT विपक्ष का हाफ हार्टेड सपोर्ट बता रहा था कि कितनी छटपटाहट है दस प्रतिशत पर। SwetaSinghAT बहुत ही अच्छी बात बोली है उपेन्द्र कुशवाहा जी ने
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

किन्हें मिलेगा गरीब सवर्णों के आरक्षण का लाभ और क्या हैं शर्तें, 5 अहम बातेंसामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के कैबिनेट के फैसले का भाजपा सहित सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आ) तथा लोजपा ने स्वागत करते हुए इसे सामाजिक न्याय के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि इस फैसले ने सामाजिक न्याय का नया पन्ना खोला है और इससे समाज में सद्भाव बढ़ेगा. आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के निर्णय का स्वागत हुए कहा कि प्रधानमंत्री.नरेंद्र मोदी जी का यह क्रांतिकारी कदम है और इससे समाज में आपसी सद्भाव बढेगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह मांग वह पिछले 20 वर्षो से कर रहे थे और एनडीए की कई बैठकों में प्रधानमंत्री के समक्ष इस विषय को लगातार उठया था. अठावले ने संवाददाताओं से कहा कि सवर्ण समाज में भी आर्थिक रूप से बहुत लोग पिछड़े हुए है और वह समाज की मुख्यधारा से वंचित है लेकिन केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद उनको राहत पहुंचेगी. उन्होंने यह भी कहा कि देश के विभिन्न प्रदेशों में अलग -अलग वर्गों के लोगों द्वारा आरक्षण दिए जाने को लेकर चल रहे आंदोलन में भी अब रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री.नरेंद्र मोदी पर पूरा विश्वास है और भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में संसद को अधिकार है कि विधेयक लाकर कानून को संशोधित कर नया कानून बना सकती है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मोदी सरकार ने निर्धन सवर्णों को भी नौकरी, शिक्षा में 10% आरक्षण देने का फैसला किया है. लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »

क्रांतिकारी: सवर्ण आरक्षण पर संसद में फाइनल बहस Krantikari:Final debate over reservations in Rajya Sabha - Krantikari Bahut Krantikari AajTakसमाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बिल के समर्थन का ऐलान कर दिया है तो AIADMK ने विरोध का झंडा थाम लिया है.  बिल पर बहस को लेकर आठ घंटे बहस का वक्त तय किया जा चुका है और सियासी चुनावी मजबूरी के चलते विपक्ष इस बिल का समर्थन कर रहा है.  हालांकि सदन का सत्र बढ़ाने को लेकर सुबह से विरोध के नारे भी गूंज रहे हैं.  समर्थन करने वालों दलों ने .ये सवाल भी उठाए है कि नौकरियां है नहीं तो आरक्षण का क्या मतलब और ठीक चुनाव से पहले आरक्षण क्यों, याद आया. nishantchat देश में सामाजिक क्रांति लाने वाले, सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर देशवासियों को बधाई। आज का दिन सही मायने में संविधान और देश के लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक है।मैं फिर एक बार प्रधानमंत्री जी का, संसद का और देश की जनता का अभिनंदन करता हूं। narendramodi nishantchat बहौत दिनो से संबित व राजीव जी का दंगल नही हुआ ,,,, कृपया जल्द बुलाए nishantchat JusticeForAnjana
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

Shocking Video: शेर ने गांव में घुसकर घर बाहर किया अटैक, मुंह में दबाकर साथ ले गया शिकार बनाया अपना निवालावीडियो डेस्क। आपने गांव में घुसकर शेर के शिकार के किस्से तो खूब सुने होंगे लेकिन आज हम आपको दिखा रहे हैं शेर का लाइव शिकार। गुजरात का गिर जंगल के राजा शेर के लिए जाना जाता है। यहां का एक गांव इन दिनों शेर की आहट से दहशत में है। दरअसल जालंधर गांव में घुसकर मंगलवार रात को शेर ने बछड़े का शिकार कर लिया। वीडियो में साफ दिखाई दिखाई दे रहा है कि एक घर के दरवाजे के सामने बछड़ा बैठा हुआ है। तभी शेर आता है और शिकार कर उसे उठाकर ले जाता है। ये पूरी घटना सामने मौजूद गांव के सरपंच के घर के सीसीटीव में कैद हो गई।
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »

2019 : पाठ दोबिना किसी बड़े आंदोलन, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के भारतीय संसद ने सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण के विधेयक को पास कर दिया। इस ऐतिहासिक फैसले का ठीकरा फोड़ा गया तीन राज्यों में भाजपा की हार पर, लेकिन राजद और दक्षिण भारत के कुछ दल छोड़ सभी इस फैसले के साथ खड़े हुए। वह कांग्रेस भी साथ थी, जिसे हिंदी के तीन हृदय प्रदेशों में जीत मिली थी। माकपा जैसे वाम दल ने संसद में इस आरक्षण को वोट दे बाहर आकर बस अलग सा प्रेस नोट ही जारी किया। विरोध के दो ही बिंदु एक तो ऐन लोकसभा चुनाव और शीतकालीन सत्र के अंतिम समय में इसे लाने की अवधि और गरीबी के दायरे में आने वाली आठ लाख से कम सालाना आमदनी की सीमा है। आम चुनावों के पहले साल के दूसरे हफ्ते का पाठ यही है कि रोजगार का संकट सब समझ रहे और समाधान किसी के पास नहीं। समस्या और समाधान के बीच आरक्षण के मरहम पर बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

प्रियंका में इंदिरा की छवि तो पति पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की परछाई भी2014 में हुआ लोकसभा चुनाव छवि बोध की जंग भी था। छवि की ब्रांडिंग में जो आगे होगा, मैदान वही मारेगा। सपा-बसपा गठबंधन के बाद उत्तर प्रदेश के मैदान में कांग्रेस को मूर्छित ही माना जा रहा था, लेकिन ब्रांडिंग वाला बाजार इसी क्लाइमेक्स वाले समय को अहम मानता है। तुरुप का पत्ता भी इसी ब्रांडिंग का हिस्सा है। भारतीय राजनीति में इंदिरा गांधी को एक ब्रांड बना दिया गया है। 2019 के करो या मरो वाले हालात में इंदिरा जैसी छवि को औपचारिक तौर से उतारने का वक्त आ गया था। आज जब कांग्रेस की ओर से डंका बजा कर प्रियंका को उतारा गया है तो वे गांधी के साथ वाड्रा के भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरेवाले कुलनाम को भी ढो रही हैं। 2019 के बाजार में हर दल की चाल को मास्टर स्ट्रोक ही बताया जा रहा है तो आमद का जयकारा थमने के बाद उन्हें बताना ही होगा कि उनकी ओर से जनता के लिए नया क्या है। कभी-कभी तुरुप का पत्ता जोकर से भी मात खा जाता है, खेल के इस विडंबना की याद दिलाता बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

प्रभात झा बोले: आरक्षण बिल से देश के 95 फीसदी लोग आरक्षण के दायरे में होंगेसामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को आज राज्यसभा में पेश किया गया. सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी के सांसद प्रभात झा ने कहा कि इस विधेयक के आने के बाद 95 फीसदी आबादी आरक्षण के दायरे में आ जाएगी और उसे लाभ मिलेगा. बाकी 5 फीसदी लोग ही आरक्षण से बाहर रह जाएंगे. imkubool JPC पे उदारता नही दिखाओगे imkubool ये हफ्ता कांग्रेस के लिए मुसीबत भरा रहेगा! 9 जनवरी को राज्यसभा में सवर्ण आरक्षण बिल 10 जनवरी को राम मंदिर पर सुनवाई 11 जनवरी को 'The Accidental Prime Minister'. 😃😃 imkubool तो तुम राफेल पर क्यों पिछवाड़ा Q दिखा रहे हो आज तक
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

दंगल: मुसलमान वोटों को बिखरने से रोक लेंगी मायावती? Dangal: On birthday, Mayawati pitches for Muslim reservation - Dangal AajTakबीएसपी की मुखिया मायावती ने अपने जन्मदिन पर रिटर्न गिफ्ट में अपने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में जीत का तोहफा मांगा है. आज ही मायावती का जन्मदिन है, जिसके केक काटे जाने की झलकियां आप अभी अभी देख ही चुके हैं. लेकिन मुस्लिम वोटरों के लिए रिटर्न गिफ्ट का ऐलान मायावती ने आज ही कर दिया है. मायावती ने आज बर्थडे प्रेस कांफ्रेंस में, मुसलमानों के लिए आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण की मांग कर दी है.  लेकिन हाल ही में मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए जो दस प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है. उसमें मुसलमानों समेत सभी अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया गया है. फिर मायावती मुसलमानों के लिए अलग से आरक्षण क्यों चाहती हैं ? क्या ये हाथी के दिखाने के दांत हैं ? या मुसलमान वोट बैंक को सहेजने की बीएसपी की रणनीति? आज का दंगल इसी पर होगा. कि क्या दलित.  मुस्लिम गठजोड़ के सहारे मोदी को हरा पाएंगे मायावती और अखिलेश यादव? sardanarohit लेकिन बिकाऊ मीडिया की तो रोज़ी-रोटी ही पिछले ४ सालों से मुसलमानों पर चल रही है sardanarohit कडवा है पर सच है हिन्दू हो या मुसलिम सब को राज नेता आसानी से बेवकूफ बना सकते है सीख और इसाई बहुत हुसियार है इस लिये चुनाव मे हिन्दू और मुसलमान कि याद ज्यादाआती है sardanarohit Correct sari party ko
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

केके मोहम्मद: जिन्होंने कहा था अयोध्‍या में मस्जिद नहीं मंदिर था, उन्हें मिलेगा पद्मश्री सम्मान– News18 हिंदीडॉ. केके मोहम्मद ने दावा किया था कि अयोध्या में 1976-77 में हुई खुदाई के दौरान मंदिर होने के अवशेष होने प्रमाण मिले थे. उन्होंने ये बात मलयालम में लिखी अपनी आत्मकथा 'जानएन्ना भारतीयन' (मैं भी एक भारतीय) में भी कही. KK Muhammed Archaeologist Firm on Masjid Was Mandir Claim Awarded Padma Shri Badhayi Aap ke jaiso ki zarrurat hai is desh ko.Varna hindu hi virodh karta hai Mandir ka. बोलो देश तो सेक्यूलर नहीं है फिर भी ? अब तो आग लग रहि होगी सबको
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »