पिछले तीन दशकों में ख़ामेनेई ने असेंबली के लिए रूढ़िवादियों को चुना है ताकि वे उनके कहे अनुसार उनके उत्तराधिकारी को चुन सकें.एक बार चुन लिए जाने के बाद सर्वोच्च नेता ताउम्र इस पद पर रह सकता है.
इसलिए, ये सम्भव है कि क़ानून दोबारा बदले जाएँ लेकिन ये निर्भर करेगा कि नए नेता चुने जाने के वक़्त राजनीतिक माहौल क्या होगा.ईरान में सबसे ताक़तवर होते हैं सर्वोच्च नेता. किसी भी ज़रूरी मुद्दे पर उनका फ़ैसला आख़िरी माना जाता है और वही दुनिया के लिए ईरान की नीतियों और तरीक़ों का फ़ैसला करते हैं. हालाँकि, जो उत्तराधिकार मिलने की प्रक्रिया है, उससे तो यही लगता है कि उनके बाद आने वाले सर्वोच्च नेता उन्हीं के रास्ते पर चलेंगे.ईरान के राजनीतिज्ञों की दिलचस्पी नए उत्तराधिकारी को चुनने में है लेकिन ऐसा कोई ताक़तवर शख़्स फ़िलहाल नहीं है जो किंगमेकर की भूमिका निभा सके.
हालाँकि एक टॉप सीक्रेट लिस्ट की अफ़वाह उड़ रही है लेकिन इसमें किसका नाम है, ये अब तक किसी को नहीं पता और ना किसी ने पता होने का दावा किया है.
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