25 जून 1975. भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की यह काली तारीख है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर 25 जून 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने इमरजेंसी यानी आपातकाल का ऐलान किया था. आज आपातकाल के ऐलान को 45 साल बीत गए हैं. भारतीय जनता पार्टी इसे लेकर कांग्रेस पर हमेशा हमलावर रहती है.
बीजेपी की ओर से आज एक वीडियो शेयर किया गया, जिसका शीर्षक है- 25 जून 1975, आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय. इसके साथ ही बीजेपी ने एक और ट्वीट किया और लिखा, 'कांग्रेस की काली करतूत और भारतीय लोकतंत्र के सबसे दुःखद अध्याय 25 जून 1975 आपातकाल के विरोध में उठे हर स्वर का हृदय से वंदन.'— BJP June 25, 2020 वहीं, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया.
भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की। pic.twitter.com/dhkEmmq18b — Jagat Prakash Nadda June 25, 2020 आपातकाल को लेकर ट्विटर पर कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाई जा रही है. #DarkDaysOfEmergency, #Emergency1975HauntsIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं.25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी. यह भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास का विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था.
काले धन पर क्यों नहीं बात होती है एक के बदले 10 सिर लाने की बात क्यों नहीं होती है डीजल पेट्रोल सस्ता करने की बात क्यों नहीं करते रुपया को डालर के बराबर लाने की बात क्यों नहीं करते हो भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने के बाद क्यों नहीं करते हो दो करोड़ रोजगार देने की बात क्यों नहीं करत
ये दुनिया की नसबंदी करते थे अब इनकी ही हो गयी, लेकिन समझ अभी तक नही आयी ।
आपातकाल को लेकर भौं भौं करने वालो तरस आता है तूमपर 😡 आपातकाल के खिलाफ जनता के आंदोलन के चलते जो तूमने सत्ता हासिल की थी, महज 2.5 साल के अंदर जनता ने तूम निकम्मो को तूम्हारे ' G ' पर लात मारकर कर भगा भी दिया था ये कौन शामू या दिनू आकर बतायेंगा😜 BJPFailsIndia Emergency
पिछला याद दिला भक्तन ने कब तक छलेंगे देश सपने दिखादिखा अम्बानि पारख शाह पास लगा नोटों का ढेर कहीं डलवाना भक्तन को पटवाना! स्पेस नाम पर! देश केवपास होवित्जर के गोले नहीं सेना की पोशाक का मटिरियल नहीं 35हवाईजहाज तो तुरंत चाहिए! बुलाओ ताई बीना काक को बोलें बढिया है!
रात में काला दिन याद करके क्या कर लोगे। घुप अंधेरों में अंधेरों को लेे कर nostalgic हो कर क्या कर लोगे ।
ओ घोषित था ये अघोषित है।
गोदी मिडिया का आविष्कार कोन है में उसे अवार्ड देना चाहता हूं जरा कोई बताएगा
What is the use of arguing over old things? Now pay attention to what is going on and what to do next, it will be good for the country.
Emergency people forgot after 3 years. They re-elected Indira Gandhi as PM. Tell something about the Jumlas you people are forwarding since last 6 years. 30 rs petrol, 1 dollar equal to 1 rupee, black money, smart cities, Ganga mayia, bullet train, 10 heads against 1 and so on.
कहा गया है - 'जो बीत गई सो बात गई' आज का बताओ आप क्या कर रहे हो, क्या स्थिति है देश की, जनता की उस पर चर्चा करो। तेल पर चढ़ती महंगाई कब रुकेगी? चीन का कुछ करोगे या बस जुमले झाड़ते रहोगे?
45saal phele ka din yaad aarha h tum logo ko abhi jo kaala din chal rha h uska Kya
चाइना के मुद्दे पर खुल कर बोलिए.. सर्जिकल स्ट्राइक कर देंगे.. China का नाम लेने से कहे डर रहे हो
संघी 🐕 जब भी आपातकाल को लेकर भौं भौं करते हो तरस आता है तूमपर 😡 अबे गधों, आपातकाल के खिलाफ जनता के आंदोलन के चलते जो तूमने सत्ता हासिल की थी, महज 2.5 साल के अंदर जनता ने तूम्हारे ' G ' पर लात मारकर कर भगा भी दिया था, ये कौन शामू या दिनू आकर बतायेंगा😜 ModiBetrayedIndia
Petrol Diesel ke daamo par dhiyan do, aapat kaar ja chuka use dhiyan me rakh kar chati pit pit kar mat roo, aj par dhiyan do
लाल काला पीला हरा नीला सफेद यह सारे रंग भाजपा के उड़ चुके हैं। बोलना है तो चीन के मुद्दे पर खुलकर बोलिए पूरा देश आपके साथ खड़ा है ।सरकार और सत्ता में आप हैं विपक्ष के सवालों का पूरी ईमानदारी के साथ जवाब दीजिए और दबाव की राजनीति देश में बंद कीजिए।
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