सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में दिए गए अपने लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने डाटा बेचकर 65 करोड़ रुपये की कमाई की है.सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में दिए गए अपने लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने डाटा बेचकर 65 करोड़ रुपये की कमाई की है.मोदी सरकार ने व्हीकल रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस डाटा बेचकर कमाई शुरू कर दी है. इस साल की शुरुआत मेंको कैबिनेट की मंजूरी मिली थी.
बल्क डाटा शेयरिंग पॉलिसी के तहत प्राइवेट कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों को डाटा एक्सेस की इजाजत दी जाती है. इसमें शैक्षणिक संस्थान से एक साल के लिए 3 करोड़ रुपये, सरकारी संस्थानों से 5 करोड़ रुपये लिए जाते हैं.इस योजना के तहत वाहन खरीदने वाली कंपनियों को वाहन और सारथी डाटाबेस एक्सेस करने की इजाजत मिल जाती है, जिसका उपयोग अब तक देशभर में आरटीओ करता था. वाहन और सारथी को पहली बार साल 2011 में पेश किया गया था, जिस पर मौजूदा वक्त में बड़े पैमाने पर वाहन डाटा मौजूद है.
वाहन साफ्टवेयर में व्हीकल रजिस्ट्रेशन, टैक्स, फिटनेस, चालान और परमिट का डाटा मौजूद है, जबकि सारथी डाटाबेस में ड्राइविंग लाइसेंस, फीस की डिटेल मौजूद है. इस दोनों प्लेटफार्म पर करीब 25 करोड़ व्हीकल रजिस्ट्रेशन और 15 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस डिटेल मौजूद हैं.
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