आधार कार्ड आज बैंक, सरकारी दफ्तरों से लेकर हर जगह पहचान पत्र के रूप में व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. यही नहीं इसे मोबाइल सिमकार्ड लेने और हाल में कोविड वैक्सीन जैसी चीजों के लिए भी मुख्य बेस बनाया गया है. लेकिन कई जानकारों ने इस सिस्टम की गंभीर खामियों को लेकर चेताया है.ऐसी ही एक बड़ी खामी यह है कि अगर किसी का आधार कार्ड खो गया और उसे अपना आधार नंबर भी नहीं याद है, आधार डेटाबेस में उसका कोई मोबाइल नंबर या ई-मेल रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसके पूरे पहचान पर ही खतरा आ सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस में लिखे एक लेख में जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रिसर्च स्कॉलर व्योम अनिल ने ऐसे ही एक वाकये की जानकारी दी है. जिसमें एक विधवा महिला को राशन कार्ड, जॉब कार्ड, बैंक अकाउंट, विधवा पेंशन जैसी सुविधाएं सिर्फ इस वजह से नहीं मिल पाईं, क्योंकि उसका आधार कार्ड खो गया था.आधार की वेबसाइट https://resident.uidai.gov.in/ के अनुसार, कोई व्यक्ति अपने नाम, एड्रेस, पिन कोड और जन्मतिथि से अपने आधार नंबर को फिर से हासिल कर सकता है.
वेबसाइट के अनुसार, सिर्फ वही लोग अपना खोया हुआ आधार नंबर फिर से हासिल कर सकते हैं, जिनका मोबाइल नंबर और ई-मेल आधार डेटाबेस में दर्ज है. यानी अगर किसी का मोबाइल नंबर, ई-मेल रजिस्टर्ड नहीं है तो उसे आधार नंबर फिर से हासिल करने में काफी मुश्किल आ सकती है. यह असंभव तो नहीं है, लेकिन इसमें काफी समय लग सकता है और आपको बहुत से दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ सकते हैं.
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