आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला : SC ने कहा- अर्नब गोस्वामी को जमानत नहीं देकर HC ने की गलती

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ArnabGoswami के खिलाफ FIR का मूल्यांकन करने से उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए कोई अभियोग स्थापित नहीं होता.

नई दिल्ली: रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर का मूल्यांकन करने से उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए कोई अभियोग स्थापित नहीं होता. एफआईआर पर प्रथम दृष्टया विचार, आरोपों की प्रकृति और गोस्वामी के खिलाफ आरोप के स्तर पर हाईकोर्ट ने ध्यान नहीं दिया. जमानत नहीं देकर हाईकोर्ट ने गलती की.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों को यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्य आपराधिक कानून का इस्तेमाल नागरिकों को परेशान करने या उनकी स्वतंत्रता को खतरे में डालने के लिए एक उपकरण के रूप में न करें. जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में फैसला सुनाएगी. इससे पहले, 11 नवंबर को शीर्ष न्यायालय ने अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत दी थी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने दीवाली की छुट्टियों में 11 नवंबर को विशेष सुनवाई करते हुए रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरिम जमानत दे दी थी. खुदकुशी के लिए उकसाए जाने वाले आरोप के मामले में अर्नब सहित दो आरोपियों को भी जमानत मिली थी.

 

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