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वार्ता के 11 दौर बेनतीजा, कहां जाएगा किसानों का आंदोलन? देखिए Dangal | ATLivestream

 

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Ye mndhbudhi tomar se kya ummed ho skti hai

कौनसा क़िशान ? असली क़िशान अपने खेतों में काम कर रहा हे

मोदी जी का अहंकार हे किसान की बात नहि मानते, ख़ुद की मन की बात करते हे लेकिन किसान दिखाई नहि देते

किसान सीधे अडानी से बात करनी चाहिए कईं बार बिचोलिए अपनी गोटी फिट करने में बात नहीं बनने देते

Tikhait and Yogendra Yadav are letting down Sikh Farmers. Because of Tikhait, Sikhs are losing credibility. Sikhs should not allow Tikhait & Yogendra Yadav to represent them.

आज तक के सभी ऐंकर को BJP के प्रवक्ता के रूप मे सपत लेले

sardanarohit Aisa lagta hai ki jaise kisan kewal Punjab Hariyana me hote hain aur kahi kheti nahi hoti।sarkar ke har mamlo ke क्लैरीफिकेशन के बाद भी अड़े रहना और अपनी जिद मनवाने का प्रयास? कितना गलत!सरकार को कुछ नहीं सुनना चाहिए सख्ती से पेश आए किसानों का सम्मान उचित हैकिन्तु ये अति हो रही है

इसे किसान आन्दोलन कह कर किसानों को बदनाम न करो ।

yeh kisano ka aandolan unke haaathon se nikal chuka tha, yeh vampanthi air khalistani ne le liya hai, aaj tak jaise channel aandhen hain, yeh aandolankari 26 jan ko upadrav karenge, inka dimag kharab ho chuka hai, bhagwan dilli ko bachaye in bhediyon se

चर्चा में कांग्रेसी कुत्ते क्यो बार बार बीच में भोकते है, इसका मतलब यहीं हुआ कि ये कांग्रेसी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के फिराक में है। इस आंदोलन के आड़ में कांग्रेस अपने पप्पू को लांच करना चाहता हैं।

Communalism👺का उदय हर युग में होता है कुछ पल के लिए जर्मनी में दस साल के लिए हुआ था हिटलर👿का उदय के रूप में “🇮🇳” में भी “साठ साल” भाई💐चारा वाले सेक्युलरिज़म से ऊबन😴आ गयी थी लोगों में उसी ऊबन का नतीजा मैगीजी का उदय था संघीयों👹के फिर से विलुप्त होने का वक़्त आ गया है

Kisanektamorcha Godimedia और Godiपत्रकार भी अपनी जिमेवारी समझे। कल आप भी देश की बरबादी मे बराबर के हिसेदार होंगे। canada,uk,WTO,congress से किसान ने उनसे कुछ नही लेना। BJP की सरकार किसानो ने बनवाई ,वही किसान की सोचे।

आंदोलन किसानो का हो रहा है तो किस के बीच चर्चा चल रही है?सरकार और किसान के बीच चर्चा चल रही है।जब चर्चा इनके बीच चल रही है,फिर आपके चैनल पर किसान नेता, सरकारी पक्ष,कृषि विशेषज्ञ,पत्रकार हो वह बात समझ आ गई लेकिन कांग्रेसी की क्यो जरूरत है?कांग्रेसी आग में घी डालने का काम कर रहे है

टीवी से बाहर खींचकर थप्पड़ मारने की सुविधा होती,तो कॉग्रेसी_प्रवक्ता रोज पिटते।

किसान अपने भविष को बचाने की लडाई लड़ रहा है। अपनी भैंसे बेच कर और घर का समान बेच कर अदोलन मे सेवा कर रहे है,डीजल डलवा रहे है। सरकार किसानी बेच कर,कारपोरेट की सेवा मे लगी है। किसानो के मतो से चुनी सरकार,कारपोरेट का हाथ काहे थांम रही है।

Kisans contention in every meeting was to take 3 Bills back, thus didn't want compromise. THEY have no faith in Supreme Court/its appointed Committee.But Govt was ready to suspend the Bills for one & half year. In a nutshell Kisans r not in compromise mood.They want their highway

रोहित जी ये कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा मान ही गए की ये आंदोलन कांग्रेसियों का है किसानो का नहीं। तो इनको बता दीजिए कि भारत में मोदी प्रेमियों राष्ट्रवादियों की संख्या कितनी है। कुछ नहीं कर पाएंगे ये लोग मोदी जी का। जय हिन्दू जय हिंदुसतान जय जय श्री राम

रोहित जी आप इस खटाना से पूछिए कि आप अगर पूरे देश की नुमाइंदगी करते हैं तो चुनावों में बीजेपी को वोट क्यों मिल रहे हैं। दस बीस हजार लोग रोड़ कानून वापस करवाएंगे तो संसद, सरकार का क्या मतलब। अगर ये कानून इतने ही खराब है तो सुप्रीम कोर्ट जाओ ।

किसान आंदोलन यह आतंकवादी का आंदोलन है, आंदोलनकारी देश द्रोही है। इन आंदोलनकारी किसानों को सभी टीवी चैनल के एंकर एवं सभी राजनीतिक दलों के नेता केवल अन्नदाता कहते है लेकिन किसी की हिम्मत नही है कि कह सके किसानो के पीछे देश द्रोही, गद्दार,आतंकवादी बैठे है। दोनों का दोगला चेहरा देखे।

abhi yahan ek sahab kah rah the ke dilli walo ko preshan karne ka koi irada nahi waise hi 2 mahine se ham dilli walo ki hi aisi taisi fer ralhi hai...

Jinke gale main steel rod ho unki jab gadan tootti hai to phir kya hota hai.

Apni maut marega

sardanarohit खालिस्तानी दंगाई लोगो का हुजूम उमड़ा है किसान आंदोलन नहीं है दलालों का काम आंदोलन हो रहा है ।।

दावा: 1 लाख ट्रैक्टर रैली की लंबाई: 400 km औसत: 10 km प्रति लीटर दाम: 84 रुपए प्रति लीटर औसत डीजल: 40 लीटर प्रति ट्रैक्टर कुल डीजल: 40 लाख लीटर कुल कीमत: 33 करोड़ 60 लाख ट्रैक्टर रखने वाला पंजाब का गरीब किसान एक इवेंट पर करोड़ों रुपए फूक देता है पूरा देश दलालों को देख रहा है

Chutye topi dal kar neta ban gay

sardanarohit vijaysardana कहते थे कि भारत का किसान गरीब है, किसान कर्ज से दबा हुआ है, किसान आत्महत्या कर रहा है। लेकिन ये आंदोलन देख कर लगता नहीं है कि भारत का किसान गरीब है। ये महंगे महंगे ट्रैक्टर, कारें, बाइक्स इतने महंगे वाहन किसी गरीब के लिए खरीदना तो मुश्किल है।

सरकार किसानों के साथ छल कर रही है,

11, वा दौर हो या 11 सौ , किसान चाहते ही नहीं बात बनाना , इन्हें मज़ा आने लगा है ,आए दिन मीडिया के कैमरों पर छाए रहते हैं , मनोरंजन बना रखा है, ऐसा ही आंदोलन अन्ना जी ने करा था दिल्ली वाले फिल्मी सूटिंग समझ रहे थे , जिसमें में भी शामिल था, आंदोलन नहीं मजा ही मजा।

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