धोनी जब बल्लेबाज़ी करने के लिए मैदान में उतरे तो चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए 218 रनों के लक्ष्य का पीछा करना लगभग अंसभव दिख रहा था लेकिन प्लेऑफ़ में पहुंचने के लिए जो समीकरण थे वो मुमकिन थे.
अगर आपको याद नहीं हो तो पिछले साल कोलकाता के रिंकू सिंह एक ओवर में 5 छक्के लगाकर हीरो बने थे तो उस वक़्त दुर्भाग्यशाली गेंदबाज़ दयाल थे.आख़िरी दो गेंद पर जडेजा के सामने एक छक्का और एक चौका लगाने की चुनौती थी लेकिन वो पिछले साल के हैरतअंगेज़ कमाल को दोहरा नहीं पाये. 7 से 15 ओवर के बीच में अगर बेंगलुरु ने 91 रन सिर्फ़ 2 विकेट के नुक़सान पर बनाए तो चेन्नई ने सिर्फ़ 71 रन जोड़ने में ही 4 विकेट गंवा दिए.
लेकिन, 2016 में भी तो कमोबेश ऐसे ही हालात थे. पहले 7 मैचों में सिर्फ़ 2 जीत हासिल करने वाली कोहली की कप्तानी में उस वक़्त बेंगलुरु ने ज़बरदस्त वापसी करते हुए फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया था और ट्रॉफ़ी जीतने के बेहद क़रीब भी पहुंचे थे.आईपीएल 2024: वो पांच कारण जिनकी वजह से गुजरात टाइटंस ट्रॉफ़ी की रेस से हुई बाहरदिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर इस सीज़न में कोहली भले ही कप्तान नहीं हैं लेकिन जिस अंदाज़ में उन्होंने बल्लेबाज़ी की है उन्होंने स्ट्राइक रेट वाली बहस को ख़त्म कर दिया है.
अगर कप्तान डूप्लेसी ने बेंगलुरु की पारी का इकौलता अर्धशतक बनाया तो मिडिल ऑर्डर में रजत पाटीदार , कैमरुन ग्रीन और दिनेश कार्तिक-ग्लेन मैक्सवेल की जोड़ी ने निचले क्रम में तेज़ बल्लेबाज़ी को बनाये रखा. आख़िरी लम्हों में धोनी ने भी 13 गेंदों पर 25 रनों की एक शानदार पारी खेलने की कोशिश तो की लेकिन किस्मत शायद शनिवार की देर रात को उनके साथ नहीं थी.
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IPL 2024: मुंबई इंडियंस के क्लब में शामिल होगी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच होगा खासआरसीबी तीन बार 2009, 2011 और 2016 में आईपीएल फाइनल में पहुंची है। हालांकि, अभी तक ट्रॉफी नहीं उठा पाई है।
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