गुरुवार को अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया. दिल्ली एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वस्त किया कि चिदंबरम के लिए जेल में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. कांग्रेस नेता की 15 दिन की सीबीआई हिरासत की अवधि आज गुरुवार को समाप्त हो रही थी. विशेष अदालत ने उन्हें पांच चरणों में 15 दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा था, जो 21 अगस्त की रात को उनकी गिरफ्तारी के साथ शुरू हुआ था.
कुहाड़ ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का संज्ञान लेते हुए पूर्व वित्त मंत्री को दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था. उच्चतम न्यायालय के आदेश में कहा गया था कि कांग्रेस नेता पांच सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे. वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी.संप्रग के दस साल शासन के दौरान चिदंबरम 2004 से 2014 तक देश के गृह मंत्री तथा वित्त मंत्री रहे थे. राष्ट्रीय राजधानी के जोर बाग इलाके में स्थित उनके आवास से सीबीआई ने उन्हें 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था.
उन्होंने आगे कहा कि आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंरबम प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में जाने के लिए तैयार हैं. इस मामले में शीर्ष अदालत ने चिदंबरम की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती दी थी.उन्होंने कहा, ‘मुझे जेल क्यों भेजा जाना चाहिए’ और इस बात के लिए दबाव दिया कि प्रवर्तन निदेशालय को उन्हें हिरासत में लेना चाहिए.
विधि अधिकारी ने आरोप लगाया कि चिदंबरम विदेशों में बैंकों को प्रभावित कर रहे थे. वह जांच में असहयोग कर रहे थे और यदि उन्होंने प्रभावित किया तो बैंक जांच में सहयोग नहीं भी कर सकते हैं. मेहता ने कहा, ‘चिदंबरम की जमानत पर जब तक निर्णय नहीं कर लिया जाता है तब तक न्यायिक हिरासत के लिए यह मामला है.’इधर दिल्ली की एक अन्य अदालत ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एयरसेल-मैक्सिस मामलों में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति को बृहस्पतिवार को अग्रिम जमानत दे दी.
ईडी एयरसेल-मैक्सिस मामले में एक अलग धनशोधन मामले की जांच कर रहा है जिसमें एजेंसी ने चिदंबरम पिता-पुत्र से पूछताछ की है.मद्रास के एक प्रतिष्ठित उद्योगपति परिवार से आने वाले चिदंबरम ने पारिवारिक कारोबार के बजाय राजनीति में कदम रखा और 1967 में उस समय कांग्रेस में शामिल हुए जब यह राज्य में सत्ता से बाहर हो गई थी.
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