आंबेडकर के सपनों का लोकतंत्र मोदी के कार्यकाल में कहां हैं? - BBC News हिंदी

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आंबेडकर के सपनों का लोकतंत्र मोदी के कार्यकाल में कहां हैं?

में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के अंतर्गत 'भारतीय लोकतंत्र अब पूर्ण रूप से आज़ाद के बजाए केवल आंशिक रूप से आज़ाद रह गया है और यह अधिनायकवाद की ओर बढ़ रहा है."में लिखा कि "सत्तारूढ़ हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों ने हाशिए के समुदायों, सरकार की आलोचना करने वालों, और धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों पर, अधिकाधिक दबाव डाला है.

उनकी चिट्ठी पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री दफ़्तर ने इसे विदेश मंत्रालय में भेजा. संयोग ऐसा हुआ है कि दो सप्ताह पहले दिल्ली की एक थिंकटैंक ने सात देशों में मानवाधिकार के उल्लंघन पर एक रिपोर्ट जारी की लेकिन इनमें पश्चिमी देश शामिल नहीं थे. कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट को बाहर से भारत सरकार का समर्थन हासिल था. अभी इस पर बहुतों का ध्यान भी नहीं गया लेकिन शायद ये एक शुरुआत है.

स्टेफ़न लिंडबर्ग राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर और वी-डेम संस्थान के निदेशक हैं. सूर्य प्रकाश और भारत में संस्था की रिपोर्ट के आलोचकों को जवाब में वो क्या कहते हैं?स्वीडन से बीबीसी को ईमेल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "डेनमार्क, स्वीडन और नॉर्वे के बारे में ये कहना कि ये देश राजतन्त्र हैं और ये कि इन देशों के संविधान के अनुसार शासकों को एक ख़ास धर्म का ही होना चाहिए, गुमराह करने वाला तर्क है. लोकतंत्र केवल इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि एक शासन गणतंत्रात्मक और राजतंत्रात्मक है या नहीं.

सूर्य प्रकाश के अनुसार वी-डेम की रिपोर्ट का सबसे आपत्तिज़नक हिस्सा भारतीय चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना है. उन्होंने कहा, "दुनिया की कोई भी लोकतांत्रिक व्यवस्था सही नहीं है, लेकिन डेनमार्क जैसी जगहें भारत जैसी जगहों से कहीं बेहतर हैं. इसके चार मुख्य कारण हैं- जवाबदेही, पारदर्शिता, राजनीतिक शक्तियों का विकेंद्रीकरण और एक सक्रिय सिविल सोसाइटी. ये सभी चार भारत में कमज़ोर रहे हैं, और हाल के वर्षों में और भी ख़राब हुए हैं."उनका तर्क है कि भारत का लोकतंत्र पीछे जा जा रहा है. "हम 1975 में इंदिरा गांधी के दौर में पीछे गए. और हम 2014 से पीछे जा रहे हैं.

 

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कहीं नहीं।

usko bhi bech dala bda fudak rah tha loktantra.

आम्बेडकर के सपनो क़ा लोकतंत्र मोदी क्या किसी के भी सरकार में नहीं था।

Allah kare ham sab log jo ek dusre ki burai dekhne ki jagah aachhai dekhe to bach jaye nahi to bura kar bura ho gya ye to tai hai 🤔🤔🤔🤔🤔🤔

वेंटीलेटर पर

अम्बेडकर के सपनों को सबसे ज़्यादा मोदी ने ही कुचला है

जहाँ कोंग्रेस शासन में था ।ठीक वैसा ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में है।बस कोंग्रेसीयों के चृणों में पड़े रहने वाले अंम्बेडकरवादीयों कि माने तो उनका कहना है ।अंम्बेडकर कोंग्रेस के चृणों में अच्छे व सुरक्षित लगते है । अंम्बेडकर_के_सपनों_को_साकार_बसपा_ही_कर_सकती_है।

Ambedkar ke sapno ka loktantra ke liye kaun vote kiya h?

देश बदला है और मजबूत हुआ है। घपले बहुत कम हुए हैं।जन वितरण में धांधली करीब करीब बंद हो गया है। सब्सिडी का खेल खत्म होने पर है। इससे धूर्त देशी विदेशी दलालों को तकलीफ़ हो रही है।

और यह बात हमें अंग्रेज बताएंगे।

BBC Hindi को खोजने की कोई ज़रूरत नहीं है।लोकतंत्र हर कतरे में है यहाँ ।

सेकुलर है भारत,जय श्री राम

Dr. BR Ambedkar : 1. He was fully against the insertion of the words 'Socialist' & 'Secular' in Constitution. Congress inserted it. 2. He supported Sanskrit as National language. Congress ignored it. 3. He was against Article 370 in J&K. Congress implemented it.

Sapnoo kii duniya mai

अगर bbc ये सवाल जनता से पूछ रही है तो ये चेंनल बंद कर देना चाहिए... ये तो जनता को बताना चाहये की सरकार ने क्या गुल खिलाया है और क्या खिला रखी है? ...

जी बिल कुल बनेगा हा 10साल में पॉल्यूशन बोर्ड में रिटायर्ड लोगो को समय बेटन मान और पेंशन नहीं मिला I a s chairman Bharat महान ह m p Ka case ह सभी जगह यही हाल ह भारत महान ह जयहिंद

चड्डी मे... 😜 😅 😆 🤣

सही स्थान पर

ECI BJP ki Ghulam. Judiciary BJP ki Ghulam. ED , Income Tax Dept,CBI,NIA BJP ki Ghulam. Pig Media BJP ki Ghulam. Kahan se aayega Democracy

स्वच्छकार की महति मनौवैज्ञानिक भूमिका मे प्रधानमंत्री मोदी अवतरण! सफेद कपड़ो मे सफेद कचरा और सवर्ण टीम से ऑयकाॅनिक सफाई! शर्माजी बोले 200करोड़ के कमसकम संसाधन दो सफाई के स्वच्छकार को और 2करोड़ को रोजगार! सवर्ण ठेका सिस्टम से करो मुक्त आज कितना हुआ वहां कहां खड़ा राजीव जहां छोड़े?

भारत में भक्त होना आसान है समझदार होना मुश्किल है। जब तक पूँजीवाद कायम है तब तक सही मायनों में न स्वतंत्रता संभव है और न समानता। वास्तव अर्थ में समानता हासिल करने के लिए पूंजीवादी व्यवस्था को बदलना होगा उसके बाद ही वास्तविक अर्थ में समानता प्राप्त की जा सकती है।

जब तक समान नागरिक संहिता लागू नहीं हो जाता तब तक अंबेडकर का पूर्ण सविधान और लोकतंत्र पूरा नहीं होगा

वामपंथी न्यूज़ का भारत पर बात करने के कोई औचित्य नहीं है। BBCWorld अपने रिपोर्ट ब्रिटेन जैसे देशों पर निकाले। कोई बीबीसी से पूछने नहीं जाता है कि देश मे क्या है और क्या नहीं

Modi ke pair ke neeche...

जयभीम

आंबेडकर के सपनो का तटस्थ मीडीया अभी है? दलाल मीडीया भी यह सवाल पुछ रहे है? 🤣

Kuchal Raha hai Dhire Dhire...

भारत में जितने बात-वीर नेता पिछ्ले 10वर्षों में पैदा हुए उतने पिछले 100 वर्षों मे नहीं हुए थे ।

ये तू बतायेगा बीबीसी वाले जिसके आफिस में बैठ कर एक कटुआ मोदी जी की मां गाली दी थी,,,,तेरे चेहरे पर मेरा पूरा हिंदुस्तान थूकता है थू थू

अम्बेडकर के सपनों का लोकतंत्र तो अम्बेडकर के ही जमाने में कहाँ था?

दलितों को हिमायती विचारधारा और मनुवादी विचारधारा को बोलती तस्वीरें। मोदी के कार्यकाल में DrBRAmbedkar के संपनो का लोकतंत्र।। 🏹🏹 बाबा_साहेब बाबासाहेब

उनके सपने उनके साथ है।

भारत बनेगा हिंदू राष्ट्र भारत में पैदा लेने वाला हर इंसान हिंदू है सभी मु** के पूर्वज हिन्दू थे लेकिन डरपोक थे विदेशी आक्रांताओं के डर से कनवर्ट हो गए थे जो हिंदू कांग्रेस सपा बीएसपी को वोट देते हैं वो नाम के हिंदू है असल में मु* के बीज हैं जय श्री राम

मोदी काल में सिर्फ मोदी है और कोई कहीं नहीं है 🤗

जयभिम RamadanKareem किसान_बहुजन_एकता_दिवस dogecoin बाबा_साहेब_अमर_रहे SRHvRCB Shankar wednesdaythought ଓଡ଼ିଆନବବର୍ଷ Shankar wednesdaythought coronavirus BlackDay jaybhim

लुटियन पत्रकारों और लूटियन राजनेताओं को आज के मूर्ख दिवस और काले दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ashutosh83B ReallySwara KapilMishra_IND DChaurasia2312 umashankarsingh मूर्ख_दिवस

Yhi hai sahi jagah pr

जो दिलवा रहे थे आपको कश्मीर में प्लॉट, वो अस्पताल में बेड भी नहीं करवा पाए एलॉट । हाथ मे टोकन लेकर अपनो के अंतिम संस्कार का कर रहे इंतजार ।

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