आंध्र प्रदेश के पशुपालन विभाग के पूर्व उप निदेशक डॉ. गोपाल कृष्णा ने बीबीसी को बताया, "2019 की पशु जनगणना के मुताबिक़ देश भर में गधों की संख्या एक लाख 20 हज़ार थी, जबकि आंध्र प्रदेश में केवल पाँच हज़ार थी. 2012 की जनगणना के दौरान आंध्र प्रदेश में 10 हज़ार गधे थे. यानी सात सालों में गधों की संख्या पाँच हज़ार कम हो गई. यानी पचास प्रतिशत कम हो गई. यही स्थिति पूरे देश की है. पूरे देश में गधों की संख्या में बीते सात सालों में 61 प्रतिशत से ज़्यादा की कमी देखने को मिली है.
एनिमल रेस्क्यू आर्गेनाइजेशन के किशोर ने बीबीसी को बताया, "चाय के एक गिलास जितनी गधी का दूध यानी 100 से 150 मिली लीटर दूध बाज़ार में 50 से 100 रुपये मिल जाते हैं. जबकि उसका मांस 500 रुपये से 700 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. कुछ लोग इसको ग़ैर-क़ानूनी ढंग से दूसरो राज्यों से लाकर ज़्यादा पैसा बनाते हैं. कुछ राज्यों से तीन हज़ार से पाँच हज़ार रूपये प्रति गधा ख़रीद कर वे इसे यहां 15 से 20 हज़ार रुपये प्रति गधा बेचते हैं.
Zoo aur sansad me rahenge
भारत को चीन से आगे निकलना है। चूतिया नंदन
आंध्रप्रदेश में मौजूदा सरकार किसकी है भई 😅
एक रेगुलर और प्रॉपर वेज हैल्दी डायट प्लान को फॉलो करो Exercise करो लिमिटेड खाओ काफी है यार ये सब नही खाना पड़ेगा यार गधे को कोई कैसे खा सकता है? दाल चावल खत्म हो गया क्या ये सब चाइना के लिए रहने दो हमारा देश तो फूड्स में भी diversity रखता है । इतना कुछ है अच्छा खाने को वो खाओ।
क्योकि अभी तक इन्गलैन्ड से फिलासफी की पढाई करके गधे राम राहुल गांधी,आन्धरा पहुन्च नहीं पाये है। 300गधो के बराबर अकेला है।
लोग मानते हैं, तो विज्ञान बताएं सबसे अधिक गधे भारत के किस राज्य में पाएं जाते हैं. 🦓 इस वाले की बात हो रहीं हैं.!!
गधे हैं इसलिए
Naukri_lockdown narendramodi tsrawatbjp bansidharbhagat BJP4UK
Bbc वाले सभी आंध्रा में ही रहते होंगे और डिनर, लंच में लेते होंगे।
राक्षस
गधे का मांस खाने से शरीर का विकास होता है🙏
Filthy country living in the past.
गधे का मांस खाने से यौन क्षमता बढ़ती है, दूध पीने से कुछ ख़ास रोग नहीं होते है, ऐसी मान्यता लोगों में पहले भी थी लेकिन हाल के दिनों में यह तेज़ी से बढ़ी है.अगर माँग इसी स्तर पर बनी रही तो जल्दी ही गधे केवल चिड़ियाघरों में दिखाई देंगे.
Andbhkat eska, answer de, sakthe h
गधा गधा को खा रहा है.. मिल के सब पचा रहा है.. घास फूस आहार वाले को.. मिल के सब मिटा रहा है.. आघात भाव से जीवन भाव निभा रहा है.. कुछ छुटे ना जीभ के स्वाद में .. सब को अनंत बना कर.. जिया रहा है..💥
गधे का मांस😤😤😤😤😤😤😤😤
लगता है ये दुर्भक्षण प्रवृत्ति चीनी लोगों की तरह किसी अन्य भयानक बीमारी को जन्म न दे दे तब तक कहाँ मानेंगे ये !🤔 ये भूख से उपजा भक्षण नहीं वरन इसमें बिस्तर की आग ज्यादा मालूम पड़ती है।
यह कौन सी परजाति के लोग हैं जो इस धरती पर पलने बाले हर जानवर को खा जाते हैं । मनुष्य तो हरगिज़ नहीं हो सकते, राक्षस ही हो सकते हैं
गधे की लीद वाला मसाला आंड़भक्तों का अभी खतम नही हुआ🤗 कि अब मांस भी आ गया वाह मोई वाह😂😝 मोई है तो मुमकिन है😆😆😆😝😝😂😂 CancelAll3AntiFarmerLaws
अबे ओस्डी के,.अंद कर अपनी आ़ड...
क्या छोड़ा इंसान ने सब कुछ तो खाते है , कोरोना इसी का तो नतीजा है , जानवरों की बीमारिया , इंसान में आ रही है , ओर लगता है ये शुरुआत है ,☹️
हो सकता है मांगने वाले गधे हो
अब बेचारे गधे भी न बचे
क्योंकि ईसाई धर्मांतरण बढ़ा है
क्योंकि वहां पर नामर्दानगी बढ़ गई है..😂😂 सुना है गधे के मीट खाने से मर्दानगी वापस आ जाती है🤣
पाकिस्तान का असर है...
खाने वाले गधों की भरमार है।
Aiimim h waha isiliye
Yaani andhbakto ki maang jyada hai 🤓🤓🤓🤓
भक्त काम होंगे वहां।
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