असम: बाढ़ ने सबकुछ किया तबाह, घर में नहीं दाना, हर तरफ पानी ही पानी

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असम के बरपेटा में बाढ़ से सबकुछ हुआ तबाह, सड़कें और तटबंध ब्रह्मपुत्र के सैलाब में बह गए AssamFloods | JournoAshutosh

असम में आई प्राकृतिक आपदा से तमाम लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 100 पार कर चुकी है. असम के 25 जिले ब्रह्मपुत्र नदी से आए सैलाब की चपेट में हैं. असम का बरपेटा उन 25 जिलों में से एक है, जहां बाढ़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया. सुदूर गांव को जोड़ने वाली सड़कें और तटबंध ब्रह्मपुत्र के सैलाब में बह गए. दीवारें ढह गईं अब सिर्फ निशान हैं.असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज तक से बात करते हुए बताया कि सरकार की ओर से राहत-बचाव कार्य की तमाम तैयारियां की जा रही हैं.

सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री सोनोवाल मानते हैं कि असम में कोरोना वायरस और अब बाढ़ की स्थिति ने हालात बद से बदतर कर दिए हैं. मोमिना, बरपेटा गांव में रहती थी. अब अपने बच्चों के साथ तिरपाल से बने तंबू में सड़क किनारे रहने को मजबूर है. क्योंकि उसके गांव में पानी घर के भीतर तक घुस चुका है. मोमिना बताती हैं कि फिलहाल खाने के लिए कुछ नहीं है, जो घर में बचा था वही उठा कर लाए हैं. मोमिना के साथ कई छोटे-छोटे बच्चे हैं जो सड़क किनारे बने तिरपाल के नीचे आश्रय लेने को मजबूर हैं.बरपेटा के रहने वाले जैनल अपनी छोटी सी नाव में घर जा रहे हैं. नाव टूटी है, इसलिए पानी भर आता है.

जैनल के गांव में स्थिति और भी भयावह है. सभी घर पानी में डूबे थे. हालांकि पिछले 24 घंटों में पानी का स्तर कुछ कम हुआ है. लेकिन बारिश इतनी ज्यादा हो रही है कि हालात फिर बिगड़ सकते हैं. कुछ शहरों में आपने हाउसबोट देखा होगा लेकिन यहां हर घर में बोट है, क्योंकि सड़कें जलमग्न हैं. ‌ जैनल के घर के अंदर सब कुछ जलमग्न है. हालांकि कुछ घंटे के लिए बिजली आती है, बस वही राहत है. घर में पानी काफी ऊपर तक था जो अब कम हुआ है. फिर भी सबकुछ पानी में है. गैस सिलेंडर, बिस्तर, डब्बे, चूल्हा सबकुछ, कुर्सी और मेज पर चढ़ा दिया गया है. पूरा गांव पानी-पानी है.जैनल और उनके परिवार का कहना है कि वह फिलहाल बड़ी मुश्किल में हैं, क्योंकि खाने-पीने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है. इलाके में पानी बढ़ने से उनकी मुसीबत बढ़ गई है. सबसे ज्यादा दिक्कत बीमारियों से बचने की है.

 

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JournoAshutosh जय हिंद सर्

JournoAshutosh NRC CAA, Kagaj per me latka k jamin me teyerte jindegi Kat rahe he eats log

JournoAshutosh राम मंदिर बनानेके बाद सब ठीक होजाएगा तबतक इंतजार करना होगा

JournoAshutosh 😔😔😔😔

JournoAshutosh Don't ask CM You will ask PM

JournoAshutosh बाढ़ के साथ बहुत लोगो के कागज भी बह गए होंगे अब वो कैसे साबित करेंगे कि वो भारतीय है बांग्लादेशी नही?

JournoAshutosh कोरोना और बाड़ से लगातार संघर्स कर रहा मेरा देश😔😔

JournoAshutosh I remember my childhood in paradeep super cyclone we all lost home and stay in a tiepal tend 6month.This time shotage of food grain so we get hungry in day. But after that odisha costal belt building construction is bust every village had a redcross cyclone center. CMOfficeAssam

JournoAshutosh Ab aap socho kya y log apne complete documents Acchhe trh s rkh pa skte h kya

JournoAshutosh ये बाढ़ बड़ी तकलीफ़ ले के आता है

JournoAshutosh sudhirchaudhary sudhirchaudharyzee Last Year due to Rains,Floods & faulty Drianage Systems Mumbai lost Rs14,000Crores besides Lives. Ajit Mathur - Project Consultant along with other eminent Panelists provided permanent Solutions.Yet BMC/ Govt failed!

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