अमेरिका को भारी पड़े अफगानिस्तान में 20 साल, जानिए कितने अरब डॉलर और सैनिकों की कीमत चुकाई

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अमेरिका ने अपने हजारों नागरिकों को अफगानिस्तान में गंवा दिया. America Afghanistan Taliban

20 हजार से ज्यादा सैनिक हुए घायलअफगानिस्तान, अब अमेरिका के लिए अतीत में मिला ऐसा सबक है, जिसे वह याद नहीं करना चाहेगा. अमेरिका ने यहां सिर्फ गंवाया. अर्थव्यवस्था से लेकर नागरिकों के बलिदान तक, अमेरिका में अफगानिस्तान का हासिल शून्य है. 20 साल तक लगातार अफगानिस्तान की बांगडोर संभालने वाला अमेरिका, ऐसे लौटा कि उसके हाथ कुछ नहीं आया.

खुद को सुपरपावर समझने वाले अमेरिका के लिए ये सबक है क्योंकि उसने तालिबान के हाथों हार स्वीकार की है. जो दुनिया का टॉप-मोस्ट आतंकवादी संगठन है. अमेरिका ने इस हार के लिए बड़ी कीमत चुकाई है. पैसों से भी और कीमती जिंदगियों से भी. अफगानिस्तान पर अगर अमेरिका आने वाली पीढ़ियों को कोई उपलब्धियां गिनवाएगा, तो वह असल में अपने वर्तमान से जूठ बोल रहा होगा.

अफगानिस्तान में 20 साल के दौरान 2442 अमेरिकी सैनिक और 3800 निजी सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. साथ ही नाटो के 40 सदस्य देशों के 1,144 सैनिक और सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं. अकेले अमेरिका के 20 हजार से ज्यादा सैनिक घायल हुए हैं. अमेरिका को जाते-जाते भी अपने 13 सैनिकों की जान से हाथ धोना पड़ा. ये सबूत है कि अफगानिस्तान में अमेरिका ने खुद को कितना कमजोर बना लिया था. वह भी तब, जब उसने इस युद्ध को लड़ने में पानी की तरह पैसा बहाया.

प्राइस ऑफ वॉर प्रोजेक्ट के मुताबिक अमेरिका ने इस युद्ध पर 2260 अरब डॉलर खर्च किए हैं. सिर्फ युद्ध लड़ने में ही 815 अरब डॉलर खर्च हो गए. अमेरिका ने रिटायर्ड सैनिकों के इलाज और देखभाल पर 296 अरब डॉलर खर्च किए हैं. युद्ध के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्र निर्माण की अलग-अलग परियोजनाओं में 143 अरब डॉलर खर्च हो गए.इतिहास में पहली बार एक युद्ध के लिए अमेरिका ने उधार भी लिया और पिछले सालों में वो 530 अरब डॉलर मूल्य के ब्याज का भुगतान कर चुका है.

 

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