Getty Imagesअफ़ग़ानिस्तान में 20 साल तक चले युद्ध और उसके साथ ही एक युग का भी अंत हो रहा है.तालिबान के शासन को लेकर फिलहाल अफ़ग़ानिस्तान में अनिश्चिता है. एक ओर जहां तालिबान दावा कर रहा है कि उसका दूसरा शासन काल पहले से अलग होगा वहीं लोगों में डर है और बड़ी संख्या में लोग अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर जा रहे हैं.
अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान से अपनी वापसी पूरी कर ली है. 20 साल चली लड़ाई के बाद देश अब तालिबान के शासन में है. अमेरिका के सहयोगी देशों ने भी हज़ारों की संख्या में लोगों को अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकाला है लेकिन इन देशों के लिए काम करने वाले कई अफ़ग़ान अब भी फंसे हुए हैं. अमेरिका के चले जाने के साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में अब तालिबान शासन के तहत महिलाओं, बच्चों और मानवाधिकार समर्थकों के लिए एक नया और अनिश्चित काल शुरू हो रहा है.
दुनिया का ठेकेदार अब खुद ठेकेदारी पर अपना गुजारा करेगा!
डर गए क्या
जिहादी बीबीसी में भी जश्न
Safe 96% unsafe 4% any person in all world know about 4% mistake imoprve must safe life 100% jo logo ke dukh dard ko apna smjhi vhi great person of world
डर गया अमेरिका। BBCBreaking BBCWorld BBCIndia BBCNews BBCNews BBCPolitics
बड़ी मुश्किल से अमेरिका वियतनाम को भुला पाया था । अफगानिस्तान से निकालना अमेरिका का एशिया से बाहर जाने जैसा है ।
तालिबान को मजबूत बनाने वाले समझौते की उपलब्धि माने ?
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Afghanistan crisis: सत्ता और शक्ति के लिए तालिबान के विभिन्न धड़ों में आंतरिक कलहतालिबान के अंदर भी सत्ता और शक्ति के लिए आंतरिक कलह शुरू हो गई है। इससे वहां के हालात और भी गंभीर होने की आशंका है। अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार में जातीय और आदिवासी नेता भी होंगे शामिल। प्रतिष्ठित समाचार पत्र मेरे दिल में आपके लिए बहुत सम्मान था पर मेरठ के कुछ पत्रकार बंधुओं से आग्रह करने के बावजूद भी एक प्राइवेट स्कूल की मनमानी और अराजकता को नहीं लिख पा रहा है इसके लिए मैं किस चीज की मजबूरी मानु । They have different groups fighting with each other. Soon they should start killing each other to get rid of each other. KHR-DUSHAN MOHI SM BLWANTA TE KOU MARE BINU BHAGWANTA- SH RAM CHARIT MANAS
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
तालिबान के प्रवक्ता का दावा- 31 अगस्त के बाद भी लोगों को अफगानिस्तान से निकलने देंगेतालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किया था. इसके बाद से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत समेत दुनिया के तमाम देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाल रहे हैं. हालांकि, तालिबान ने अमेरिका को 31 अगस्त तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने की धमकी दी थी.
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Krishna Janmashtami की देशभर में धूम, कान्हा के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े भक्तदेश भर में आज जन्माष्टमी की धूम है. जन्माष्टमी के ही दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, जो कि भगवान विष्णु के 8वें अवतार माने जाते हैं. कोरोना संकट की वजह से इस बार दही हांडी कार्यक्रम की वैसी रौनक नहीं रहेगी, जैसी आमतौर पर होती है. लेकिन मंदिर सज चुके हैं और भक्त वहां दर्शन को पहुंचना शुरू हो चुके हैं. नोएडा के ISKCON मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. भारी संख्या में वहां लोग आरती के लिए पहुंचे. जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर में आरती की गई. इस वीडियो में देखें देश में कैसी है जन्माष्टमी की धूम.
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तालिबान पर पलटा संयुक्त राष्ट्र: आतंकवाद पर कहा था- तालिबान को दूसरे देश में बैठे आतंकियों का साथ नहीं देना चाहिए; ताजा रिपोर्ट में तालिबान का जिक्र नहींसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले के बारे में अपना बयान जारी किया है। इस बयान में से परिषद ने तालिबान का नाम हटा दिया है। इससे पहले जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था, तब के बयान और इस नए बयान में तालिबान को लेकर UN का रवैया बदला हुआ लग रहा है। | UN removed Taliban's name from statement regarding Kabul airport blast | अफगानिस्तान में आतंक पर रिपोर्ट से तालिबान का नाम हटाया, 16 अगस्त तक कुछ और थे संयुक्त राष्ट्र के बोल मोदी अध्यक्ष झाले होते ना? सरकार विचार करे सुरक्षा परिषद के मोदीजी अध्यक्ष बनते ही तालिबान का आंतकी संगठन से नाम हट गया..?
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अफगानिस्तान: पंजशीर के 9000 'शेर' कैसे तालिबान की नाक में किए हैं दम, जानें वजहकाबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी भाग खड़े हुए, लेकिन उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया और पंजशीर घाटी से तालिबान के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया. अहमद मसूद और अमरुल्ल सालेह की अगुवाई में 9,000 जवान तालिबान को करारा जवाब देने के लिए तैयार खड़े हैं.
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तालिबान के लिए Panjshir बना गले की हड्डी, बौखलाहट में चला ये नया पैंतराअफगानिस्तान पर कब्जा कर चुके तालिबान को पंजशीर के शेर नाकों चने चबवा रहे हैं. तालिबान पूरे अफगानिस्तान में हुकूमत करना चाहता है, लेकिन पंजशीर में अभी भी वतन के लिए कुर्बानी के जज्बे वाले अफगानियों की हुकूमत चल रही है. अफगानिस्तान के 33 प्रांतों पर कब्जा कर चुके तालिबान के लिए पंजशीर गले की हड्डी बन गया है. पंजशीर में अपनी दाल गलती ना देखकर तालिबान बौखला गया है. पंजशीर पर तालिबान की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो रही है. इसी बौखलाहट में तालिबान ने पंजशीर में इंटरनेट और फोन की सेवाएं ठप कर दी हैं. देखिए ये रिपोर्ट. आज तक तो केवल तालिबान तक हो गया है, यहा जनता का भूख, महंगाई, बेरोजगारी से afghanistan से भी बुरे हालत है, 5 किलो अनाज से 30 दिन 5 लोग का पेट भर नहीं रहा, इनको afghanistan की पड़ी है वहाबी अटकवाद पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है गलत किया हुआ कार्य कभी नहीं टिकता , इन तालिबानियों का भी खात्मा होगा....
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »