अमेरिका से भिड़ा सऊदी अरब तो बना G7: अमीर देशों के क्लब को मनमोहन ने दी थी धमकी; अब मेलोनी ने मोदी को क्यों...

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PM Narendra Modi To Travel To Italy For G7 Summit समाचार

His First Abroad Trip Of Third Term

आज यानी 13 मई को सफेद घरों और मेहराबों के लिए मशहूर इटली के फसानो शहर में दुनिया के 7 सबसे ताकतवर देशों के नेता इकट्ठे हो रहे हैं। यहां अमीर देशों के सबसे बड़े संगठन ‘G7’ की बैठक शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्रPM Narendra Modi to travel to Italy for G7 summit, his first abroad trip of third...

अमेरिका से भिड़ा सऊदी अरब तो बना G7:कॉपी लिंकआज यानी 13 मई को सफेद घरों और मेहराबों के लिए मशहूर इटली के फसानो शहर में दुनिया के 7 सबसे ताकतवर देशों के नेता इकट्ठे हो रहे हैं। यहां अमीर देशों के सबसे बड़े संगठन ‘G7’ की बैठक शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस संगठन की मीटिंग में बतौर गेस्ट बुलाया गया है।

इसकी वजह से तेल की कीमतें 300% तक बढ़ जाती हैं। इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका और उसके अमीर साथी देशों पर पड़ता है। वहां इकोनॉमिक क्राइसिस आ जाती है। महंगाई आसमान छूने लगती है। G7 में रूस के शामिल होने के बाद इसका नाम G8 हो गया। 2014 में क्रिमिया में रूस की घुसपैठ के बाद उसे संगठन से बाहर कर दिया गया था।G7 संगठन की पहली बैठक में सऊदी की ओर से शुरू की गई ऑयल क्राइसिस से निपटने के लिए योजना बनाई गई थी। साथ ही उस समय एक्सचेंज रेट क्राइसिस शुरू हुआ था। इसका मतलब ये हुआ कि अमेरिका ने डॉलर की वैल्यू को सोने से डी-लिंक कर दिया था। अमेरिका ने ऐसा दुनिया में सोने की बजाय डॉलर के दबदबे को बढ़ाने के लिए किया था। हालांकि इससे दूसरे देशों के लिए आर्थिक परेशानियों शुरू हो...

इसकी वजह ये है कि जब भारत सरकार अपने किसानों को सब्सिडी देती है तो दुनिया में भारत का अनाज अमेरिका जैसे देशों के अनाज से ज्यादा सस्ता हो जाता है। इससे पश्चिमी देशों को नुकसान होता है। 1980 के दशक में G7 देशों की GDP दुनिया की कुल GDP की करीब 60 फीसदी थी। अब यह घटकर करीब 40 फीसदी रह गई है। G7 के प्रभावशाली देशों के अलावा भविष्य में इसका प्रभाव और कम होने की संभावना है। भारत G7 का नया सदस्य बन सकता है। इसकी कई वजह हैं। 1. रक्षा खर्च के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। 2. भारत की जीडीपी ब्रिटेन के बराबर है और फ्रांस, इटली और कनाडा से ज्यादा है। 3.

2. भारत कई मुद्दों को लेकर G7 देशों से सहमत नहीं है। जैसे क्लाइमेट चेंज और बिजनेस-ट्रेड। ऐसे में G7 की बैठक में शामिल होकर हम विकासशील देशों का नजरिया G7 के अमीर देशों के सामने रख सकते हैं। हालांकि भारत का रोल डिसीजन मेकिंग में काफी लिमिटेड है।

His First Abroad Trip Of Third Term

 

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