खास बातेंनई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, जब तक भारत सरकार का धर्म संविधान ही है और देश में किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है.
विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि मैं सदन के माध्यम से पूरे देश को आश्वास्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता. उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ भेदभाव वाला नहीं है. तीन देशों के अंदर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है जो घुसपैठिये नहीं, शरणार्थी हैं. उन्होंने अपनी बात दोहराई कि अगर इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होता तो मुझे विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती.
अमित शाह ने कहा कि भारत में 1951 में 84 प्रतिशत हिंदू थे जो 2011 में कम होकर 79 फीसदी रह गये, वहीं मुसलमान 1951 में 9.8 प्रतिशत थे जो 2011 में 14.8 प्रतिशत हो गये. उन्होंने कहा कि इसलिये यह कहना गलत है कि भारत में धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहा है. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर भेदभाव न हो रहा है और ना आगे होगा.
जो मुस्लिम समुदाय के पैदाइशi दुश्मन हैं उनके मुह से ये बातेँ अछि नहीं लगती
अगर मुसलमानो से नफ़रत नही है तो क़ानून NRC CAB हिंदू मुस्लिम सब पे लागू होना चाहिए
Musalmano se kitni Mohabbat hai wo to samne Aa hi gaya Bill Dekhe or padhe nahi kya..... Puri Duniya Iske Dhong se wakif ho gayi hai sirf Anddd Bhakto ke Alawa .
Nafrat Nahi to Muslim CAB se bahar kiu
यदि मुसलमानों से नफरत नहीं तो केवल मुसलमान को छोड़कर अन्य जातियों को एनआरसी में शामिल करने का और मुसलमानों को नहीं करने का मतलब क्या है ? ? नफरत की फैक्ट्री सूचना दे रही है नफरत मत फैलाओ.... इसे कहते है घोर कलयुग.......
धर्म का परिभाषा क्या है?क्या हम एक दूसरे को किनारे करे? क्या धर्म की रिश्ता कीसिका खून में मिलेगा? किस आधार पे ये हक है सरकार को की कोई सरणार्थी को पहला सवाल करे उसका धर्म क्या है?
दोनों आपस मे मिलकर यह खेल रचा रहे है
Muslim se nafrat ki bunyaad pe 2014 Me Aur 2019 me sarkar banayi.. Duniya ko pata h BJP ki asliyat..
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे शर्म करो तड़ीपार तुम्हारे एक नही कई हत्त्या का दाग है
मेरे सवाल पूछने से मुझे कांग्रेसी यहां अन्य पार्टी से जोड़ कर ना देखें क्योंकि मेरी नजरों में किसी भी राजनीतिक पार्टी को सपोर्ट करने वाला ही सबसे बड़ा देशद्रोही है एनआरसी में किसी भी राजनीति पार्टी को सपोर्ट करने वाले को भी नहीं मिलना चाहिए
sahi bol rahe ho janab, aapke karyo se to yehi jhalakta hai...
यदि मुसलमानों से नफरत नहीं तो केवल मुसलमान को छोड़कर अन्य जातियों को एनआरसी में शामिल करने का और मुसलमानों को नहीं करने का मतलब क्या है
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में इस्लामिक आतंकवादी रहते हैं जिन पर कोई भी देश भरोसा नहीं करता है इसलिए अमित शाह ने उनको इस बिल से बाहर रखा है😜😀😁😜😀😁👎👎👎👎👎 इस्लामिक आतंकवाद
Gujrar me Hajaro Nirdos logo ka khun pinewala Comunal Bhediya aaj Dhong kar raha hai.
नफरत की फैक्ट्री सूचना दे रही है नफरत मत फैलाओ.... इसे कहते है घोर कलयुग.......
Are taklu nafrat nahi to unke hukuk kyun nahi dete chalo nahi chahiye kam se kam jo he vo to mat chhino
फेक न्यूज
मुंह में राम बगल में छुरी!
इतना बिल लाएंगे ,इतना बिल लाएंगे ,इतना बिल लाएंगे कि तुम लोग कन्फ्यूज हो जाओगे कि किसका विरोध करें और किस पर चर्चा।
ये लोग तो बीज ही नफरत के हैं। नफरत की राजनीति करते हैं जब हारने लगते हैं तब अपने आतंकी आकाओं को आगे ला कर निर्दोषो को मारते हैं।
तड़ीपार बिल में साफ बयान कर रहा है और कह रहा नफरत नहीं अरे ये पूर्व तड़ीपार की पहचान लाश, नफ़रत के दम पर है
अब उन्नाव केस मामले में मीडिया मूकबधिर हो गई सब शांत
अगर AmitShah को musalmano से नफरत नहीं है तो फिर 370 tripletalaq & CABBill wapas le le..
तो फिर अमित शाह आतंकवादी को पूछो की मुस्लिम नाम क्यूं नहीं लिया? इसको क्या लगता है कि भारत पर राज करेगा खूनी पापी अमित शाह
बिल्कुल सही कहा, पर हमेँ अपने देश के नागरिकों से प्यार है घुसपैठिया से नही
तो मुसलमानों के लिए किऊं नहीं बिल बनाया बे। तुझे तो सिर्फ मुसलमानों से नफ़रत है।
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