भारतीय मूल के अमरीकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिए जाने के बाद उनका भारतीय कनेक्शन मीडिया की सुर्खियों में हैं.
उनके माता-पिता निर्मला और दीपक बनर्जी, इस देश के जाने माने अर्थशास्त्री रहे हैं. उनकी मां निर्मला मुंबई की थीं, जबकि पिता कोलकाता. ख़ास बात ये भी है कि अभिजीत बनर्जी का पूरा नाम अभिजीत विनायक बनर्जी है. इसमें बीच वाला विनायक, मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर का ही है.अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रेसीडेंसी कॉलेज से बैचलर डिग्री की हासिल की. इसके बाद वे जेएनयू चले आए, अर्थशास्त्र से एमए करने. 1981 से 1983 तक वे यहां पढ़ते रहे.
"पहले ही दिन मुझे प्रोफ़ेसर जैन को भी एक नज़र देखने का मौक़ा मिला. सबसे ज़्यादा मुझे इस बात पर आश्चर्य हुआ कि उन्होंने अर्थशास्त्र के बारे में बात की और ये भी बताया कि किसी भी मामले में अलग-अलग नज़रिया रखना कितना महत्वपूर्ण है. डी-स्कूल में मुझे सिर्फ़ ये सुनने को मिलता था कि उच्च शिक्षा के लिए कौन अमरीका चला गया या जाने वाला है. या फिर कौन आईआईएम जा रहा है. मैं जानता था कि मुझे कहां जाना है.
मोदी सरकार के सबसे बड़े आर्थिक फैसले नोटबंदी के ठीक पचास दिन बाद फोर्ड फाउंडेशन-एमआईटी में इंटरनेशनल प्रोफेसर ऑफ़ इकॉनामिक्स बनर्जी ने न्यूज़ 18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा था,"मैं इस फ़ैसले के पीछे के लॉजिक को नहीं समझ पाया हूं. जैसे कि 2000 रुपये के नोट क्यों जारी किए गए हैं. मेरे ख्याल से इस फ़ैसले के चलते जितना संकट बताया जा रहा है उससे यह संकट कहीं ज्यादा बड़ा है."
Wait and watch. Another one created by western countries to abuse India.
Ek aur communist...
Offer असिमित है 'हिंदू ,हिंदुत्व ,राष्ट्रवाद,का विरोध करो और मनचाहा पुरस्कार पालो'
संघीयो को मिर्ची लग रही है ।
मजबूरी में सही लेकिन जेएनयू की क्षमताओं को सलाम तो करना ही पड़ रहा है
BBC is totally against India it should be banned he will never talk about Brexit
सत्ता विरोधीयों को हर देश में शांति और पत्रकारिता और अर्थशास्त्र का नोबल मिलता है
Tukre gang economist
अंतराष्ट्रीय संस्था भी बीजेपी और अंधभक्तो का गान्ड मे आग लगा रहा है पहले रवीश कुमार को 'रेमन मैगसेसे दे कर और अब JNU वाले को नोबेल पुरस्कार देकर 😂😂😂😂
INDIAN FM SITARAMAN JI KA HUSBAND KO SAMJHYEN AP ECONOMY KYA HOA HE TA KI USNA WIFE OR BJP WALO SAMJHAYEN
Mahashay Chamcha brigade se hai!
ये नोबेल वाले भी शर्त रखते होंगे कि पुरस्कार मिलते ही भारत सरकार की बुराई करनी पड़ेगी।
एंटायर पोलिटिकल साइंस में कोई नोबल पुरस्कार नही है क्या? दुग्गलसाहेब को भी देना है😂
सारे पुरस्कार JNU वाले को ही कैसे मिलते है साहब।🤔🤔🤔🤔
जय हो ।
नोबेल पुरस्कार शुरआत से हिदुस्तान विरोधी रहा हैं ,जो हिंदुस्तान का विरोध करते हैं उसके प्रगति का विरोध करते हैं उनको नोबेल और मैग्सेसे पुरस्कार मिल जाता हैं ।
भारत और भारतीयता के खिलाफ लिखो,बोलो। कभी न कभी मैग्सेसे या नोबल मिल ही जायेगा।। ये बहुत पुराना,बहुतों के द्वारा आजमाया हुआ फार्मूला है।। फिर इसमें नया क्या है
Congratulations,A famous man with good qualities is considered an asset anywhere in on the head, in the neck or on the arm..
देश से बाहर रहकर देश की और देश के आंतरिक मामलौं की आलोचना करने वाले मुझे पसंद नहीं। नोबेल पुरस्कार मिलने पर बहुत-बहुत बधाई।
नोबेल पुरस्कार अपने अपने देश के गद्दारों को ही मिलता है जो पश्चिमी देशों के हित साध केऔ
लाख मोदी अमित शाह की जोड़ी प कुचलने का प्रयास कर ले,लेकिन प्रतिभा को दबाया नहीं जा सकता है |अभिजित बनर्जी को नोवेल के लिए बहुत बहुत बधाई |
अगर मैग्सेसे और नोबल पुरस्कार सरकार द्वारा दिये जाते तो किस किसको मिलता ? Abhijeet RabeeshKumar
Amartya Sen और रघुराम राजन की आवाज अब कोई सुन नहीं रहा है, इसलिए भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन करने में जुटे PM के विरुद्ध नए मोहरे AbhijitBanerjee को मैदान में उतारा गया है। सरकार की आर्थिक नीति के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय लाॅबिस्ट नें सबसे बड़े पुरस्कार का दांव खेला है।
Great
A new face to Award wapasi gang .
England ko Bharat ka Kohinoor hira wapas krna chahiye . iske liye BBC England me awaj uthaye.
Wah gurudev aap to bade Gyani ho. SALAM.
Note bandi ki aallochna to RAHUL GANDHI ne bhi kari thee use kyu nahi diya gaya yeh AWARD. bahut sasta hai jnu me pado tihad jail jaho sarkar ki aallochna karo or ho gay ARTHSHASTRI.
नोबेल पुरस्कार में भी तुम्हारे जैसे दलाल लोडिंग करते हैं
जनता समझती है ऐसे पुरुस्कार की कीमत।
मिर्ची लगी
भारत की किसी भी प्रतिभा को कोई भी अन्तराष्ट्रीय पुरस्कार नहीं दिया गया जिसकी निष्ठा भारत के साथ रही जब तक किसी भी भारतीय प्रीतिभा को अवार्ड नहीं दिया गया तब तक उसकी निष्ठा पश्चिमी देशों के साथ नहीं हुई हो निष्ठा बदलने पर कितने ही अवार्ड मिल जाए कोई मायने नहीं रखते
BBC, radio free Europe और radio liberty ने 2nd World War के बाद दक्षिण एशिया और खास तौर पर भारत को अपना निशाना बनाया और भारतीयता और उसके हितों को नुकसान भारत लोगों को ही hire करके करवाया गया Universities मे economics के प्रोफेसर हो या राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर हो वेस्ट के पीठू
1925 में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी की ताषकंद मे स्थापना के बाद बंगाल मे ऎसे वामपन्थी बुद्धिजीवी बहुत पैदा हुए जो भारतीय होकर पश्चिमी देशों की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक नीतियां भारत मे लागू करने और भारत के जनमानस मे भरने का काम किया और भारतीय हितों को स्लो poision दिया गया
पश्चिमी देशों की संस्थाएं हमेशा ऎसे स्वार्थी प्रतिभाशाली लोगों को hire करती रही है जो भारतीय होकर पश्चिमी देशों के हित साधन करता रहा हो उसके बदले मे उनको अवार्ड या पैसे देते रहे है ये 1947 से चलता आ रहा है चाहे मेगसेसे पुरस्कार हो या नोबल पुरस्कार रहा हो
मैने किसी भी भारतीय प्रीतिभा को अन्तराष्ट्रीय पुरस्कार लेते नहीं सुना है जिसकी निष्ठा भारत के हितों को साधने की रही हो भारत की आजादी के बाद ये दुर्भाग्य रहा है कि हमारे तथाकथित बुद्धिजीवियों को पश्चिमी देशों के द्वारा मान्यता की हमेशा दरकार रही है या उनके मोहताज होकर रहे है
आज पश्चिमी मीडिया और वाम दलों के लोग खुश होकर इसको बढ़ा चढ़ा कर लिख रहे है लेकिन ये अखिरकार भारत के पक्ष के आर्थिक हितों की रक्षा नहीं करने वाला है अमर्त्य सेन की तरह पश्चिमी देशों के आर्थिक नीतियों की पैरवि करेगा हमारा लिबरल और पेड मीडिया इनका गुण गान करेगा
इससे पहले भी पश्चिमी राष्ट्रों और खास तौर पर अमेरीकन हीतो के रक्षक अमर्त्य सेन को भी दिया गया लेकिन देखना ये होता है कि प्रतिभावान व्यक्ति की निष्ठा किसके साथ है अगर किसी भी प्रतिभा की निष्ठा उस देश के साथ नहीं है तो कोई भी अवार्ड लेले लेकिन उस देश का जन नायक नहीं हो सकता
BBC Propegenda मास्टर नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना ठीक है लेकिन देखने वाली बात यह है कि भारत के उन अर्थशास्त्रीयों को ही नोबल पुरस्कार मिला जिन्होने पश्चिमी राष्ट्रों के आर्थिक हितों की पेरवी करी एक प्रकार से ये लोग hired scholars होते है जो अब भारतीय बताकर उल्लूबनायाजाएगा
JNU को लाल सलाम।
Nobel puraskaar jiska janm hee sanhaarak vastu k bute kamaye gaye paise se hua hai,uske decision par aapatti koi nayi nhi.
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाले महान भारतीय अर्थशास्त्री श्री अभिजीत को बधाई। आपने देश का नाम रौशन किया।😀
आलोचना विकास का सूचक होती है,लेकिन विकास नहीं होने का कारण यह ही की हमअपनी संस्कृति का ढिढोरा तो खूब पीटते है,लेकिन स्वम उसे नहीं मानते, मोबलिंचिंग करते है टीवी डिबेट में बतमीज़िया करते है,लेकिन पूरा विश्व हमारी संस्कृति से सीखता है,इसी प्रकार बनर्जी का फायदा सब लेंगे सिवाए हमारे
चिंता मत किजिये, इस सरकार मे आलोचनाओं का स्वागत रहता है। आलोचना करने वाले भी हमारे ही है। लगता है आप आलोचनाओं को आरोप समझ लेने की भूल करते हैं।
जिसका अर्थशास्त्र ठीक हो जरूरी नहीं कि उसका राष्ट्र,परिवार और समाज शास्त्र भी ठीक हो।
मोदी की खिलाफत से जब इतने फायदे हैं तो और का क्या कहना।
Amartya Sen और रघुराम राजन की आवाज अब कोई सुन नहीं रहा है, इसलिए भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन करने में जुटे PM के विरुद्ध नए मोहरे AbhijitBanerjee को मैदान में उतारा गया है। सरकार की आर्थिक नीति के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय लाॅबिस्ट नें सबसे बड़े पुरस्कार का दांव खेला है।
myogiadityanath ji must see it AmitShah BJP4India why yogi ji praised
जो भारत बिरोधी है उन्हे पुरुस्कार मिल रहा
Now India is place where the economists are sent to prison. criminal corrupt tadipar enjoyed acche din.
फर्जी
Congratulations sir
Anti Modi brigade ka 3 tisra mohra
उपर मे यमराज इन्तजार कर रहा।इसको नंगा करके भुना जायेगा तबे पर।देस्द्रोही हिन्दू द्रोही मोदी देस्भ्क्त विरोधी को भारतीय गर्ब नही करता।नफरत घिन्न आती इस पर।congres का हमदर्द पकिस्तान इस्लाम का प्रेमी है ये सुवर
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