हुई या नहीं। तो 20 फीसदी महिलाओं ने बताया कि उनके साथ इन अलग-अलग जगहों पर दो बार से ज्यादा छेड़खानी हुई। जबकि नौ फीसदी महिलाओं ने बताया कि उनके साथ कई बार छेड़खानी की वारदात हुई। जबकि 17 फ़ीसदी महिलाओं ने इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। 54 फीसदी ने कहा न उनके साथ और न ही उनके परिवार की किसी अन्य महिला के साथ राह चलते कभी कोई छेड़खानी हुई।
सरेबाजार होने वाली छेड़खानी को लेकर 7697 महिलाओं से जब यह जानने की कोशिश की गई कि वह पुलिस में एफआईआर दर्ज कराती हैं या नहीं। 30 फीसदी महिलाओं ने बताया कि उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। 15 फीसदी महिलाओं ने बताया कि पुलिस ने शिकायत के बाद कोई एक्शन नहीं लिया। जबकि 15 फीसदी महिलाओं ने अपने साथ हुई छेड़खानी के बाद यह सोचा कि उनको पुलिस में शिकायत करने की या घर में बताने की कोई जरूरत नहीं है।
लोकल सर्कल के फाउंडर चैयरमैन सचिन तापड़िया कहते हैं कि समाज को अभी बहुत बदलने की आवश्यकता है। जिस तरीके से महिलाओं के प्रति छेड़खानी और दुष्कर्म की वारदातें होती हैं वे चिंताजनक हैं। लोकल सर्कल की महिला दिवस पर तैयार की गई देशभर की इस रिपोर्ट को गृह मंत्रालय से लेकर समस्त राज्यों के पुलिस प्रमुख और मुख्य सचिवों को दी जाएगी। ताकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस रिपोर्ट के आधार पर कुछ किया जा सके।देश में हर चौथी महिला के साथ छेड़खानी होती है। घर से लेकर सड़कों और बाजार से लेकर ट्रेन और बसों में हमारे...
सरेबाजार होने वाली छेड़खानी को लेकर 7697 महिलाओं से जब यह जानने की कोशिश की गई कि वह पुलिस में एफआईआर दर्ज कराती हैं या नहीं। 30 फीसदी महिलाओं ने बताया कि उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। 15 फीसदी महिलाओं ने बताया कि पुलिस ने शिकायत के बाद कोई एक्शन नहीं लिया। जबकि 15 फीसदी महिलाओं ने अपने साथ हुई छेड़खानी के बाद यह सोचा कि उनको पुलिस में शिकायत करने की या घर में बताने की कोई जरूरत नहीं है।
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