कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का एक साल सोमवार को पूरा हो गया है. सोनिया के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई, लेकिन मध्य प्रदेश में पार्टी में फूट के चलते उसे सत्ता गवांनी पड़ी तो राजस्थान में उसी कगार पर पहुंच गई है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. राहुल के इस्तीफा देने के कुछ दिन तक तो यही पता नहीं चल रहा था कि कांग्रेस में अध्यक्ष का पद किसके पास है. कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए पार्टी के कई नेताओं के नाम पर चर्चा होती रही लेकिन हफ्तों की माथापच्ची के बाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर फिर से सोनिया गांधी को कमान सौंप दी गई. इस तरह से सोनिया को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष रहते हुए एक साल पूरे हो गए हैं.
वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई कहते हैं कि सोनिया के हाथों में दूसरी बार कांग्रेस की कमान आने के बाद पार्टी में न केवल मतभेद बढ़े हैं बल्कि कई अहम नेता पार्टी का साथ छोड़कर चले गए हैं. यही नहीं, कांग्रेस में रह-रहकर उठने वाली महत्वाकांक्षा की हुंकार पुराने दिग्गजों और युवा नेताओं के बीच भी कलह की वजह बन जा रही है. सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर महज समझौता करती नजर आई हैं. न तो किसी राज्य में चुनाव प्रचार करने गई हैं और न ही सड़क पर उतरकर संघर्ष करती दिखी हैं.
शकील अख्तर कहते हैं कि सोनिया ने देर से ही सही, यह तय किया है कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और बाकी नेताओं को कामकाज में ज्यादा स्वायत्तता दी जाए और हर छोटे-बड़े फैसले के लिए उन्हें 10, जनपथ का रुख न करना पड़े. उदाहरण के तौर पर, सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश की सारी जिम्मेदारी प्रियंका गांधी पर छोड़ दी है. सोनिया गांधी ने कुछ अहम बदलाव भी किए है.
शकील अख्तर कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी के अगुवाई वाली बीजेपी खिलाफ कांग्रेस को अपनी स्वीकार्यता को बढ़ाने की चुनौती है. मोदी के साथ निश्चित तौर पर पूरा बीजेपी संगठन और आरएसएस मजबूती के साथ खड़ा है. वहीं, कांग्रेस संगठन पूरी तरह से कमजोर है और पार्टी का जनाधार भी खिसक गया है. जनता और विपक्षी पार्टियों के बीच और मोदी के मुकाबले कांग्रेस को अपने नेतृत्व की स्वीकार्यता बढ़ाने की जरूरत है. विपक्ष में कई पार्टियां हैं, लेकिन लोगों के मुद्दों को सिर्फ कांग्रेस ही उठा रही है.
0 performance
Gandhi parivar k alawa b kisi ko adhyaksh bana liya karo bhai
Launching RAGA - fails all the time !! Need soldering RAGA toungue and Brain !!
कौन सी बड़ी बात है,कांग्रेस गांधी परिवार के पालतू दल है,
Will you show the situation of one year of j&k ?
Ek saal laloo ke saath hoti to naya pappu hi aa jata
जोरदार इसी प्रकार चलता रहे 😂😂😂😂😂😂
नचानिया इसी बात पे पोल नाच दिखा दे तो बात बान जाए
She will continue till last rites, keep on vomiting poison, same shall go back to her!
1 year ni 70 years completed 😂😂
ये इतने सालो तक अध्यक्ष रहेंगे की साल भी लज्जित हो जाए 😀
👍
Piddis ke mauj hi mauj !!!
कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए भाजपा समर्थकों ने जताया 'राहुल गाँधी' पर भरोसा 😜
Hahahahaha.....Rajiv ji k baad se soniya ji hi adhyaksh hain..... Ye poore hindustan ko pta hai..🤣🤣🤣🤣 Re re re re launching kitni baar karoge
SG performed well
Mom के बाद सन ओर फिर सन के बाद मॉम
ITALIAN MADAM JI KO BAHUT BAHUT BADHAI
AAJ TAK KO JASHAN BANANA CHAHAYE CONGRESSEE KE MAA H AUR AAJ TAK BHI
अमरण अध्य्क्षा
ek newya baat he,
JAI HO MAATA CHAMCHESWARI 😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂
Marathi me ak kahawat hai .. na mai chadhunga na kisiko chadhane dunga
Mubarak ho mubarak ho.... jashn manane ki taiyaari karo..😂
Adyaksh Adyaksh khelte rho....Congress party apas main... Desh ki chinta Mt kro... Bipach k name per..dhaba ho
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