भारत के आंतरिक मामलों में जमकर दखल देने वाले पाकिस्तान में फिलहाल अपने ही संविधान के एक अनुच्छेद पर बवाल मच रहा है। पाकिस्तान के कानून मंत्री द्वारा कराची पर अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने के बयान के बाद से पूरे सिंध प्रांत से विरोध की आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं। विपक्ष ने इस बयान को पाक के खिलाफ साजिश बताते हुए कानून मंत्री के इस्तीफे तक की मांग कर डाली है। बता दें कि अनुच्छेद 149 लागू होने से पाक की आर्थिक राजधानी कराची केंद्र शासित क्षेत्र बन जाएगा।
बता दें कि हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में कानून मंत्री नसीम ने कहा था कि 14 सितंबर को अपने दौरे में प्रधानमंत्री इमरान खान कराची को संघीय सरकार के नियंत्रण में लाने की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने कहा था, 'कराची को केंद्र सरकार के अधीन करने के लिए अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने का सही वक्त आ गया है।' इसे लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ इमरान खान की पार्टी पीटीआई और सिंध में सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच तीखी नोक झोंक शुरू हो गई है।
कराची में अनुच्छेद 149 लागू करने की बात पर बीते गुरुवार को बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान सरकार पर आरोप लगाया था कि वह कराची पर कब्जा करने की मंशा रखते हैं। हैदराबाद में एक प्रेसवार्ता में भुट्टो ने कहा था कि पीपीपी सिंध में सत्ता में है और राज्य के खिलाफ किसी भी साजिश को पार्टी स्वीकार नहीं करेगी। भुट्टो ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार कराची को इस्लामाबाद से चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आप जुल्म करते रहेंगे, कल बांग्लादेश बना था तो फिर सिंध भी देश बन सकता है।
पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 149 (4) के अनुसार, देश के आर्थिक हितों या शांति के लिए पैदा हुए किसी भी गंभीर खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार किसी प्रांत की शासन प्रणाली को अपने हाथ में ले सकता है। कानून मंत्री नसीम का कहना है कि ये संविधान का एक स्वतंत्र अनुच्छेद है और ये केंद्र सरकार को अपनी कार्यकारी शक्ति का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है। शांति और आर्थिक हालात के लिए गंभीर खतरे की स्थिति में केंद्र प्रांतीय सरकार को दिशा निर्देश जारी कर सकता है।
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