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लद्दाख को आदिवासी क्षेत्र का दर्जा देने की सिफारिश, तस्वीरें देख खुद को यहां आने से रोक न सकेंगे आप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Published by: Pranjal Dixit Updated Thu, 12 Sep 2019 01:41 AM IST
National Commission for Scheduled Tribes recommends ‘tribal area’ status for Ladakh
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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को ‘जनजातीय क्षेत्र’ का दर्जा देने की सिफारिश की है। गृह मंत्रालय,  कानून मंत्रालय एवं आदिवासी मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के साथ हुई बैठक में यह फैसला किया गया। आयोग की ओर से बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह व जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को इस बारे में पत्र लिखा गया है। 

 
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आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने दोनों मंत्रियों को लिखे पत्र में कहा है कि एनसीएसटी को लगता है कि जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने से क्षेत्र की विशिष्ट संस्कृति को संरक्षित करने, भूमि पर अधिकार सहित कृषि अधिकारों की रक्षा करने और क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए धन के हस्तांतरण को बढ़ाने में मदद मिलेगी। 

 
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मालूम हो कि किसी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का अंतिम अधिकार गृह मंत्रालय के पास है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के संयुक्त सचिव एस के राठो ने  बताया, इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बादए आयोग ने संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने की सिफारिश की है। 

 
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छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला और क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना के बाद जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान है। आयोग ने 27 अगस्त को हुई बैठक में संविधान की पांचवीं या छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को शामिल करने के मुद्दे पर चर्चा की थी। बाद में 4 सितंबर को एनसीएसटी ने इस संबंध में गृह, कानून और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों से परामर्श किया था।

 
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97 फीसदी से अधिक जनजातीय आबादी 
लेह में आदिवासियों की आबादी 66.8 प्रतिशतए नुब्रा में 73.35 प्रतिशत, खलस्ती में 97.05 प्रतिशत, कारगिल में 83.49 प्रतिशत,सांकू में 89.96 प्रतिशत और लद्दाख के ज़ांस्कर क्षेत्रों में 99.1 प्रतिशत है। हालांकि, आधिकारिक आंकड़ों में सुन्नी मुसलमानों सहित कई समुदायों को शामिल नहीं किया गया है, जो अनुसूचित जनजाति की स्थिति की मांग कर रहे हैं। लद्दाख में कुल जनजातीय आबादी 97 फीसदी से अधिक है। 
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