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BSNL-MTNL का नहीं होगा विलय, रिवाइवल प्लान को मिली पीएमओ से सैद्धांतिक मंजूरी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला
Published by: paliwal पालीवाल
Updated Sat, 24 Aug 2019 04:19 PM IST
- फोटो : PTI
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केंद्र सरकार घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों--बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय नहीं करेगी। हालांकि इन दोनों कंपनियों के लिए रिवाइवल प्लान को प्रधानमंत्री कार्यालय से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। प्लान के मुताबिक दोनों कंपनियों को पूरे देश में 4जी सेवाओं को शुरू करने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। इससे दोनों कंपनियों की खराब वित्तीय हालत को सुधारने का मौका मिलेगा।
वीआरएस के लिए बनेगा प्लान
मंगलवार को हुई हाईलेवल बैठक में इस बात का भी फैसला किया गया है दोनों कंपनियां वीआरएस के लिए प्लान तैयार करेंगी और इसके कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को घटाकर के 58 साल किया जाएगा, ताकि कर्मचारियों की संख्या में कटौती की जाए।
ट्रांसफर नहीं होगा लोन
हालांकि पीएमओ ने विलय, लोन और संपत्तियों को बेचने के प्रस्ताव पर स्पेशल पर्पज व्हीकल को खड़ा करने के फैसले को टाल दिया है। हालांकि दोनों कंपनियों की संपत्तियों को बेचने या फिर किराये पर देने के एक संयुक्त कमेटी बनाने को मंजूरी दे दी है। इस कमेटी में बीएसएनएल, दूरसंचार विभाग और विनिवेश विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। अब इन सभी प्रस्तावों को कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
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केंद्र की इस मदद से बीएसएनएल को 6365 करोड़ रुपये और एमटीएनएल को 2120 करोड़ रुपये इस मद के लिए मिलेंगे। इसके एवज में सरकार 10 साल के लिए जारी बांड को गिरवी के तौर पर रखेगी।
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बीएसएनएल पर फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है और वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का नुकसान हुआ था। कंपनी में फिलहाल 1.76 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। वीआरएस देने से कर्मचारियों की संख्या अगले 5 सालों में 75 हजार रह जाएगी।
एमटीएनएल में 22 हजार कर्मचारी
एमटीएनएल में फिलहाल 22 हजार कर्मचारी हैं और कंपनी की 19 हजार करोड़ रुपये की उधारी है। कंपनी अपनी 90 फीसदी आय कर्मचारियों की सैलरी देने में खर्च करती है। अगले 6 साल में कंपनी के करीब 16 हजार कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे।
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