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डीयू में रातों-रात लगा दी सावरकर, बोस और भगत सिंह की मूर्ति

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: Avdhesh Kumar Updated Wed, 21 Aug 2019 02:57 PM IST
सार

  • मूर्ति स्थापित करने पर छात्र संगठन आइसा व एनएसयूआई ने एबीवीपी पर हमला बोला है
  • कैंपस में जो भी हो उसे नियमों के तहत किया जाना चाहिए
  • एनएसयूआई और आइसा ने की निंदा

The statue of veer savarkar, subhash chandra bose and Bhagat Singh was installed in DU overnight
डीयू में रातों-रात लगा दी सावरकर, बोस और भगत सिंह की मूर्ति - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली विश्वविद्यालय में डूसू अध्यक्ष की ओर से रातों-रात वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की मूर्ति स्थापित कर दी गई, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह का कहना है कि वह लंबे समय से मूर्ति स्थापित करने की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन उनकी मांग को अनसुना कर रहा था। मूर्ति स्थापित करने पर छात्र संगठन आइसा व एनएसयूआई ने एबीवीपी पर हमला बोला है।


डीयू से मिली जानकारी के अनुसार, डूसू अध्यक्ष किसी दूसरे कार्यक्रम के बहाने मूर्तियों को टैंट में छिपाकर लाए और आर्ट्स फैकल्टी के बाहर देर रात स्थापित करा दिया। मूर्तियों पर माल्यार्पण भी किया गया। मालूम हो कि शक्ति सिंह एबीवीपी के टिकट पर उपाध्यक्ष पद पर जीते थे, लेकिन बाद में अध्यक्ष अंकित बसोया की फर्जी डिग्री मामले में पद से हटने पर वह अध्यक्ष बने। 


बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान शक्ति सिंह ने डूसू कार्यालय का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने की मांग भी की थी। इस संबंध डीयू प्रॉक्टर से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। सूत्र बताते हैं कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने डूसू अध्यक्ष को मूर्तियां हटाने को कहा है। यदि ऐसा नहीं होता तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। खबर लिखे जाने तक मूर्तियों को नहीं हटाया गया था।
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एबीवीपी ने कहा- नियमों का पालन हो

The statue of veer savarkar, subhash chandra bose and Bhagat Singh was installed in DU overnight
डीयू में रातों-रात लगा दी सावरकर, बोस और भगत सिंह की मूर्ति - फोटो : अमर उजाला
एबीवीपी ने पूरे विवाद से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह शक्ति सिंह का अपना पक्ष है। ऐसे प्रतीक कैंपस में नियमों के तहत स्थापित होने चाहिए। एबीवीपी दिल्ली मीडिया इंचार्ज आशुतोष सिंह ने कहा कि संगठन की ओर से डूसू पदाधिकारियों को जानकारी दे दी गई है कि कैंपस में जो भी हो उसे नियमों के तहत किया जाना चाहिए।

डूसू सचिव ने दी पुलिस को शिकायत

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुबह जब मूर्ति स्थापित करने का पता चला तो डीयू कैंपस के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस को आशंका थी कि मूर्ति लगाने का विरोध हो सकता है। डीयू प्रशासन की ओर से देर शाम तक कोई शिकायत नहीं की गई थी। हालांकि, डूसू सचिव आकाश चौधरी ने मौरिस नगर थानेे में शिकायत देकर मूर्तियां लगने को अवैध बताकर उन्हें हटाने की मांग की है। 

एनएसयूआई और आइसा ने की निंदा

एनएसयूआई ने इस मामले की निंदा करते हुए डीयू को लिखा है कि इस तरह की विभाजनकारी बातों के लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह केवल डूसू चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है। आइसा दिल्ली अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर का कहना है कि वीर सावरकर की मूर्ति स्थापित करना एबीवीपी द्वारा उन्हें एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी के रूप में चित्रित करने और इतिहास को फिर से लिखने का एक प्रयास है। आइसा ने छात्रों से डूसू में वीर सावरकर मॉडल को नकारने की अपील की। मामले में डीयू प्रशासन को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करनी चाहिए।
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