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एडवाइजरी के बाद कश्मीर में बढ़ी हलचल, विपक्ष को हो रहा सरकार के इरादों पर शक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Gaurav Pandey Updated Fri, 02 Aug 2019 10:31 PM IST
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Ghulan Nabi Azam said Actions of Central Government are making atmosphere of fear in Jammu Kashmir
गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला
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जम्मू-कश्मीर में नए बने हालातों के मद्देनजर कई तरह के कयास लग रहे हैं। पहले सेना की प्रेस कांफ्रेंस में अमरनाथ यात्रा पर खतरे की आशंका और आतंकियों की साजिश का खुलासा किया गया। इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी पर्यटक और अमरनाथ यात्री जल्द से जल्द लौट जाएं। इस घटनाक्रम ने विपक्ष को सरकार पर हमले का मौका दे दिया। कांग्रेस से लेकर पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि सरकार का इरादा क्या है वह साफ-साफ बताए। 


 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आज जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले राज्य में भय का माहौल बना रहे हैं। आजाद ने कहा, 'कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर नीति योजना समूह की आज पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से आ रही रिपोर्ट पर चिंता जताई गई। ये रिपोर्ट भारत सरकार के इरादों को लेकर दहशत और आशंकाओं का माहौल बना रही हैं।'
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आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच यह चिंता है कि सरकार अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म करने का इरादा रखती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी के समूह ने यह मत भी जाहिर किया कि जम्मू-कश्मीर को दी गई संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जाए।

आजाद ने भारत सरकार से अपील की कि ऐसा कोई भी निर्णय न लिया जाए जो राज्य की स्थिति के लिए ठीक न हो। आजाद ने कहा, 'सुरक्षा बलों की बड़ी पैमाने पर तैनाती, अमरनाथ यात्रा में कटौती और पर्यटकों, यात्रियों और वहां के बाशिंदों के लिए जारी की जाने वाली एडवाइजरी से असुरक्षा और भय का माहौल बन रहा है। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि ऐसा कोई भी फैसला न लें जिससे राज्य में गंभीर संकट की स्थिति आए।'
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वहीं, नए घटनाक्रम में हवाई आवाजाही पर भी असर देखने को मिलेगा। डीजीसीए ने कहा कि सभी एयरलाइंस को किसी भी वक्त राज्य से पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को लाने के लिए तैयार रहना होगा।
 
वहीं, एयर इंडिया ने कहा है कि 15 अगस्त तक हवाई टिकट रद्द कराने पर पूरा पैसा दिया जाएगा। 


 

 

हमारे लिए जीने-मरने का समय: महबूबा 

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह समय जम्मू-कश्मीर की पहचान को बचाने के लिए एकजुट होने का समय है। मुफ्ती ने कहा कि यह समय हमारे लिए जीने और मरने का है। भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेता कुछ भी कहें लेकिन हकीकत यही है कि राज्य पुलिस को किनारे करते हुए केंद्रीय बलों को यहां लाया जा रहा है। 

मुफ्ती ने कहा कि भाजपा के इस कदम से अनुच्छेद 35-ए को हटाए की अटकलें तेज हो गई हैं। यह एकजुट होने का समय है, लेकिन सभी अलगाववादी नेता या तो नजरबंद हैं या जेल में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों कि यह जिम्मेदारी बनती है कि वह देश के संविधान की रक्षा करें, चुनाव कभी भी हो सकते हैं, सरकार किसी की भी बन सकती है।  

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए महबूबा ने कहा कि दुख तब हुआ जब उन्होंने (उमर अब्दुल्ला) प्रधानमंत्री से चुनाव के संबंध में बातचीत की और यह नहीं बताया कि बात क्या हुई। उन्होंने कहा कि इस समय अपनी पहचान की रक्षा करना सभी मुख्यधारा की पार्टियों की जिम्मेदारी बनती है। 

बिल्कुल अलग चीज के लिए हो सकता है अलर्ट: अब्दुल्ला

कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बीच सरकार द्वारा सेना और एयरफोर्स को अलर्ट जारी करने की खबर सामने आने के बाद उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर आशंका जताई कि यह अलर्ट किसी बिल्कुल अलग सी चीज के लिए हो सकता है। उमर ने लिखा, 'कश्मीर में ऐसी कौन सी वर्तमान परिस्थिति है कि सेना और वायु सेना को अलर्ट जारी कर दिया गया? यह 35ए या परिसीमन से संबंधित नहीं है। ऐसा अलर्ट, अगर सच में जारी हुआ है तो, किसी अलग ही स्थिति के लिए होगा।'

घाटी में की गई है 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती

10 हजार अतिरिक्त जवानों की घाटी में तैनाती के एक हफ्ते के भीतर ही 28 हजार और जवानों की तैनाती जम्मू-कश्मीर में हो रही है। इन जवानों को जम्मू और कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया जा रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 से लेकर अबतक राज्य में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक कर्मियों की संख्या बढ़कर 75,000 हो गई है।

राज्य में बड़ा निर्णय लेने की योजना बना रही है भाजपा

भारी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती को लेकर कई तरह की चर्चाएं भी हुई। इस दौरान यह भी कहा गया कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्य पर कुछ बड़े निर्णय लेने की योजना बना रही है। अफवाहें फैलीं कि अतिरिक्त बलों को कश्मीर लाने के पीछे भाजपा ने संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को रद्द करने की योजना बनाई है।

आतंकियों की ओर से हिंसा के मिले ताजा इनपुट : डीजीपी

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि आतंकियों की ओर से हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी के इनपुट मिले हैं। इस वजह से जमीनी स्तर पर काउंटर इंटेलिजेंस ग्रिड को और मजबूत किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अतिरिक्त बलों की संख्या बताने से इनकार करते हुए कहा कि पहले से तैनात जवानों को कुछ समय के लिए आराम करने का मौका दिया जाएगा। चुनाव और अन्य कारणों से सुरक्षा बल पूरे साल ड्यूटी पर रहे हैं।

अमरनाथ यात्रियों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने की सलाह

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की 380 अतिरिक्त कंपनियां भेजे जाने को लेकर आशंकाओं के बीच राज्य प्रशासन की ओर से पाक आतंकी हमले के अंदेशे पर अमरनाथ यात्रियों से तत्काल घाटी छोड़ने को कहा गया है। 15 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा को पहले ही चार अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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