सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Home Minister Amit Shah speaking in Rajya Sabha

देश तोड़ने की बात करने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे: गृह मंत्री अमित शाह

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Gaurav Pandey Updated Mon, 01 Jul 2019 08:24 PM IST
सार

  • संसद सत्र : कश्मीर में 6 माह के लिए राष्ट्रपति शासन बढ़ाने वाला बिल पास
  • जम्हूरियत-कश्मीरियत-इंसानियत से ही समस्या का समाधान खोजेंगे
  • जम्मू-कश्मीर के प्रस्तावों पर टीएमसी साथ आई, सरकार को आसानी
  • कांग्रेस ने 92 बार 356 का इस्तेमाल किया 
  • आतंकवाद बर्दाश्त नहीं, पीओके भी हमारा है 
  • जम्मू-कश्मीर में चुनाव साल के आखिरी में होंगे

विज्ञापन
Home Minister Amit Shah speaking in Rajya Sabha
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह - फोटो : PTI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में दो बिल पेश किए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 माह बढ़ाए जाने और आरक्षण संशोधन संबंधित विधेयक पेश किए, जो सर्वसम्मति से पास हो गए। लोकसभा इन्हें पहले ही पास कर चुकी है। जम्मू-कश्मीर पर शाह ने विपक्ष से सवाल किया- कश्मीरी पंडित जो अपने ही देश में दर-दर की ठोकर खा रहे हैं, उनके धार्मिक स्थानों को तोड़ा गया। अगर आप इस पर बात करते तो मानता कि आपको कश्मीरियत की चिंता है। 



शाह बोले- सूफियों को भगा दिया गया। कश्मीरी पंडितों ने कश्मीरियत को जिंदा रखा, उन्हें भगा दिया गया। अटलजी ने कहा था कश्मीर समस्या का समाधान जम्हूरियत-कश्मीरियत-इंसानियत है। मोदी सरकार भी इसी रास्ते पर है। शाह ने कहा- हमारी सोच स्पष्ट है। जो भारत को तोड़ने की बात करेगा, उसे उसी भाषा में जवाब मिलेगा।


 

विज्ञापन
विज्ञापन



शाह ने बताया- जबसे देश आजाद हुआ, तबसे 132 बार 356 का इस्तेमाल हुआ। इसमें से अकेले कांग्रेस ने ही 92 बार इसका इस्तेमाल किया। हमने तो परिस्थितिजन्य 356 का इस्तेमाल किया। हम इसका इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो केरल की पहली कम्युनिस्ट सरकार को गिराकर 356 के दुरुपयोग की शुरुआत की थी। कांग्रेस और विपक्ष के लोग इस पर कम बोला करें तो अच्छा है। 

विज्ञापन

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में दो बिल पेश किए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 माह बढ़ाए जाने और आरक्षण संशोधन संबंधित विधेयक पेश किए, जो सर्वसम्मति से पास हो गए। लोकसभा इन्हें पहले ही पास कर चुकी है। जम्मू-कश्मीर पर शाह ने विपक्ष से सवाल किया- कश्मीरी पंडित जो अपने ही देश में दर-दर की ठोकर खा रहे हैं, उनके धार्मिक स्थानों को तोड़ा गया। अगर आप इस पर बात करते तो मानता कि आपको कश्मीरियत की चिंता है।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के उलट इस बार राज्यसभा में बिलों को पास कराने में रुकावटें आने की संभावना लगभग खत्म हो गई है। इसके संकेत सोमवार को उस समय मिले जब टीएमसी ने भी राज्यसभा में दो अहम प्रस्तावों (राष्ट्रपति शासन की अवधि और आरक्षण का दायरा बढ़ाने) का समर्थन करने की घोषणा कर दी।
विज्ञापन

दरअसल, टीएमसी का यह कदम चौंकाने वाला है क्योंकि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और केंद्र के बीच टकराव देखा गया था। इसके अलावा समाजवादी पार्टी और बीजेडी ने भी जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है। इससे सरकार को सहमति बनाने में आसानी हो गई।

अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। उन्होंने कहा, दोनों बिल का सर्वसम्मति से पास होना इस बात को बताता है कि सभी दल मानते हैं कि पीओके समेत पूरा कश्मीर भारत का ही अभिन्न अंग है। मैं नरेन्द्र मोदी सरकार की तरफ से भी सदन के सभी सदस्यों तक ये बात रखना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं और इसे कोई देश से अलग नहीं कर सकता।

राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने से संबंधित प्रस्ताव पेश करते हुए शाह ने कहा था- रमजान, अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने बाद में चुनाव कराने का सुझाव दिया। इस साल के अंत तक वहां चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के चुनाव में एक हजार प्रत्याशी होंगे। इस बारे में सुरक्षा बलों ने असमर्थता जाहिर की थी। इसलिए लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराए गए थे।

विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

  • Downloads

Follow Us

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

अमर उजाला एप इंस्टॉल कर
रजिस्टर करें और 100 Loyalty कॉइन्स पाएं

केवल नए रजिस्ट्रेशन पर
और जानें
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर

X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed