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Income Tax Department to share details of defaulters with banks
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लोन डिफॉल्टरों की संपत्तियों का ब्योरा बैंकों से साझा करेगा आयकर विभाग
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला
Published by: Avdhesh Kumar
Updated Thu, 27 Jun 2019 06:47 AM IST
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आयकर विभाग कर्ज लेकर नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टरों (कर्ज चूककर्ता) की संपत्तियों और खातों का ब्योरा बैंकों के साथ साझा करेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सरकारी बैंकों की अपील पर आयकर विभाग को यह निर्देश जारी किया है। बैंकों ने कर्ज भुगतान में चूक करने वाली इकाइयों पर शिकंजा कसने के लिए यह अपील की थी।
सीबीडीटी की ओर से बुधवार को जारी आदेशों के अनुसार, कर विभाग किसी आयकरदाता के आयकर रिटर्न (आईटीआर) से यह ब्योरा निकालेगा। बोर्ड ने अपने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा है कि यह आदेश जनहित में जारी किया गया है। डिफॉल्टरों की संपत्तियों और खातों का ब्योरा बैंकों के साथ साझा करने का मकसद ऐसी इकाइयों के खिलाफ घेरेबंदी करना और उनसे जनता के पैसों की वसूली करना है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से इस बाबत कई आग्रह मिले थे। बैंकों ने ऐसे डिफॉल्टरों की अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा था, जिनसे वह अपने कर्ज के बकाए की वसूली कर सकें। सीबीडीटी ने अपने आदेश में कहा कि डिफॉल्टरों की संपत्तियों का ब्योरा साझा करने के साथ उनके विविध कर्जदारों का ब्योरा भी बैंकों को दिया जाना चाहिए। इससे उन्हें कर्ज वसूलने में मदद मिलेगी, जो पूरी तरह जनहित का मामला है।
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बैंकों को लेना होगा एनओसी
सीबीडीटी ने कहा है कि कर अधिकारी डिफॉल्टरों के खाते और संपत्तियों का ब्योरा बैंकों के साथ साझा करने से पहले उनके कर बकाया को भी ध्यान में रखेंगे। इसी तरह, अगर कोई बैंक कर्ज चूककर्ता की चल या अचल संपत्ति को बेचकर मिली अधिशेष राशि का उपयोग करना चाहते हैं तो उन्हें पहले आयकर अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा।
न हो सूचनाओं का दुरुपयोग
बोर्ड ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि आयकर अधिकारी सिर्फ कर्जदार, गिरवी रखने वालों और लोन गारंटर की जानकारियां ही बैंकों के साथ साझा करेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित करना होगा कि इन खुलासों का उपयोग सिर्फ कर्ज वसूली में हो और इसे अन्य किसी एजेंसी या व्यक्ति के साथ साझा न किया जाए। यह दस्तावेज बैंक के शाखा प्रबंधक से नीचे के कर्मचारी को न दिया जाए और आयकर अधिकारी संबंधित बैंक अधिकारी का हस्ताक्षर भी लेगा।
फर्जीवाड़ों से परेशान हैं बैंक
सरकारी बैंकों के साथ पिछले कुछ समय में लगातार बड़े डिफॉल्ट सामने आए हैं, जिससे बैंकों के फंसे कर्ज में भारी इजाफा हो गया है। हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को 13 हजार करोड़ रुपये की चपत लगाई थी। इसी तरह, शराब कारोबारी विजय माल्या ने भी कई बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हड़प ली थी।
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