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आखिर इलेक्शन के बाद क्या होता है मशीन का, 45 दिन सुरक्षित रहता है आपका वोट

अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Avdhesh Kumar Updated Sun, 26 May 2019 06:01 AM IST
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What happens to the machine after the election 
इवीएम - फोटो : PTI
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लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद सवाल उठता है कि चुनाव प्रक्रिया में उपयोग में लाई गईं ईवीएम का चुनाव बाद क्या होता है। लगभग 90 करोड़ मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने करीब 40 लाख ईवीएम की व्यवस्था की थी। इस मतदान में करीब 60 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला। चुनाव बाद क्या इन्हें फिर से संभालकर रखा जाता है? क्या इनका इस्तेमाल फिर से किया जाएगा? 


मतदान खत्म होते ही ईवीएम को कड़ी सुरक्षा में स्ट्रॉन्ग रूम में लाया जाता है। यहां पर ईवीएम को अंधेरे में रखा जाता है और जहां ये रखी जाती हैं, वहां किसी किस्म की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी नहीं होती है। एक बार मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कई कागजी प्रक्रियाएं पूरी की जाती हैं।


परिणाम घोषित करने के बाद ईवीएम को एक बार फिर से स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है, और रूम को बंदकर एक बार फिर सील किया जाता है। ये प्रक्रिया उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में की जाती है। उनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं। चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद उम्मीदवारों को 45 दिन का वक्त दिया जाता है, इस अवधि के दौरान अगर उम्मीदवार को मतगणना प्रक्रिया पर संदेह है तो वह फिर से मतगणना के लिए आवेदन कर सकता है। 
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केंद्रीय और राज्य के सुरक्षा बल इनकी सुरक्षा करते हैं। 45 दिन खत्म होने के बाद ईवीएम को पूरी सुरक्षा के साथ स्टोरेज रूम ले जाया जाता है। इसके बाद चुनाव आयोग के इंजीनियर ईवीएम की जांच करते हैं। सब कुछ ठीक पाए जाने के बाद ईवीएम को दूसरे मतदान के लिए तकनीकी रूप से सक्षम घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद जरूरत के मुताबिक ईवीएम को भेजा जाता है। ब्यूरो
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कई राउंड चेकिंग करते हैं इंजीनियर

ईवीएम को मतदान केंद्र भेजे जाने से पहले चुनाव आयोग कई दौर की चेकिंग करता है। ईवीएम को मतदान के लिए भेजे जाने से पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है और उनके सामने मॉक टेस्ट किया जाता है। ये प्रक्रिया कई चरणों में होती है और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को संतुष्ट किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद संबंधित अधिकारी हस्ताक्षर करता है, इसके साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी अपना हस्ताक्षर देते हैं।

20% रिजर्व ईवीएम

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, चुनाव के लिए इस्तेमाल की जाने वालीं कुल ईवीएम का 20 प्रतिशत रिजर्व के रूप में रखा जाता है, ताकि अगर तकनीकी दिक्कतें होने पर अतिरिक्त ईवीएम से काम चलाया जा सके। चुनाव आयोग के अधिकारी ने अनुसार ईवीएम दूसरे इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस की तरह होती हैं, अगर इन्हें ठीक से रखा जाए, तो ये अच्छे से काम करती हैं। इनमें किसी किस्म की छेड़छाड़ की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं होती। वहीं खराब ईवीएम को नष्ट किया जाता है। 
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