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मोलभाव: सस्ते तेल के लिए मिलकर सौदा करेंगी सभी रिफाइनरियां, खाड़ी देशों का विकल्प खोज रहा भारत
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 21 Oct 2021 03:30 AM IST
सार
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि तेल उत्पादक देशों की उच्च कीमतों से भारत सहित दुनियाभर की अर्थव्यवस्था का सुधार प्रभावित हो रहा है।
क्रूड ऑयल की कीमतें...
- फोटो : iStock
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विस्तार
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से पार पाने के लिए सरकार और निजी रिफाइनरियां अब मिलकर सौदे करेंगी। पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने बताया कि जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करने वाले देश में क्रूड के दाम बढ़ने का व्यापक असर पड़ता है। हमने एक समूह बनाया है, जो तेल उत्पादक देशों के साथ मिलकर सौदा करेगा।
पेट्रोलियम सचिव के अनुसार, रिफाइनरियों का समूह हर 15 दिन में बैठक करेगा और अपने सुझाव साझा करेगा। सभी तेल कंपनियां संयुक्त रूप से तेल कीमतों पर मोलभाव करेंगी और रणनीतिक खरीदारी पर साझा सहमति बनाएंगी।
इससे तेल उत्पादकों पर कीमतें घटाने का दबाव बढ़ेगा। अभी हम ज्यादातर तेल मध्य एशिया के खाड़ी देशों से खरीदते हैं। ओपेक व सहयोगी देशों को उत्पादन बढ़ाकर कीमतें नीचे लानी चाहिए, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा। महंगे क्रूड की वजह से सितंबर में व्यापार घाटा 22.6 अरब डॉलर के साथ 14 साल के शीर्ष पर पहुंच गया है।
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ओपेक के महंगे तेल से बचने के लिए हमारी रिफाइनरियों ने अरबों डॉलर का निवेश कर खुद को अपग्रेड किया है। कंपनियां खाड़ी देशों से इतर निवेश कर ज्यादा तेल उत्पादन पर जोर दे रही हैं, जिससे हमारे पास बेहतर विकल्प तैयार हो सके।
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महंगे तेल से आर्थिक सुधारों पर असर : पुरी
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को इंडिया एनर्जी फोरम में कहा कि तेल उत्पादक देशों की उच्च कीमतों से भारत सहित दुनियाभर की अर्थव्यवस्था का सुधार प्रभावित हो रहा है। कोविड-19 से उबर रहे देशों पर अब महंगाई का जोखिम बन गया है।
महंगे तेल की वजह से भारत का आयात बिल जून, 2020 के 8.8 अरब डॉलर से बढ़कर 24 अरब डॉलर पहुंच गया है। ओपेक व सहयोगी देशों को 4 लाख बैरल उत्पादन बढ़ाने का वादा पूरा करना चाहिए।
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दिवाली से पहले सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, दिवाली से पहले सरकार पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती कर सकती है। उन्होंने अनुमान जताया कि उत्पाद शुल्क 2-3 रुपये तक घटाया जा सकता है, जिसके बाद राज्यों के टैक्स में भी कटौती होगी और पेट्रोल के दाम 100 रुपये लीटर से नीचे आ सकते हैं। 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल 30 और डीजल 26 रुपये महंगा हो चुका है। इस कटौती से सरकारी खजाने पर 36 हजार करोड़ का असर पड़ेगा।
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