सब्सक्राइब करें
विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Lucknow News ›   Reservation issue in NEET: Modi's decision can benefit BJP in UP elections

नीट में आरक्षण का मामला : यूपी चुनाव में भाजपा को लाभ पहुंचा सकता है मोदी का फैसला

अखिलेश वाजपेयी, अमर उजाला, लखनऊ Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Fri, 30 Jul 2021 12:47 PM IST
सार

अगड़ों व अनुसूचित जाति के साथ पिछड़ों की लामबंदी को तरह-तरह के प्रयोग कर रही भाजपा सरकार का यह निर्णय विरोधी पार्टियों की चुनौती बढ़ाएगा। उन्हें पिछड़ी जातियों खासतौर से उसके युवा वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए पहले से ज्यादा मशक्कत करनी पड़ सकती है।

Reservation issue in NEET: Modi's decision can benefit BJP in UP elections
आरक्षण - फोटो : self
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मोदी सरकार का मेडिकल पाठ्यक्रमों के दाखिले में पिछड़ों को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़ों अर्थात गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला यूपी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा को लाभ पहुंचा सकता है। अगड़ों व अनुसूचित जाति के साथ पिछड़ों की लामबंदी को तरह-तरह के प्रयोग कर रही भाजपा सरकार का यह निर्णय विरोधी पार्टियों की चुनौती बढ़ाएगा। उन्हें पिछड़ी जातियों खासतौर से उसके युवा वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए पहले से ज्यादा मशक्कत करनी पड़ सकती है। वहीं, उसके अगड़ों खासतौर से ब्राह्मणों को जोड़ने की मुहिम पर भी असर डाल सकती है।


वैसे तो यह फैसला देश भर में प्रभाव डालने वाला है लेकिन विशेष तौर से उत्तर प्रदेश के संदर्भ में इसमें कई राजनीतिक निहितार्थ छिपे हैं। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी की आबादी में पिछड़ी जातियों की संख्या लगभग 54 प्रतिशत है। वैसे इसमें तेली व जुलाहा जैसी मुस्लिम आबादी भी शामिल है, लेकिन तब भी बड़ी संख्या हिंदू पिछड़ी जातियों की ही है। इनमें कुर्मी, लोध और मौर्य जैसी जातियों का रुझान जनसंघ काल से ही भाजपा की तरफ  रहा है। पर, नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने के बाद इन जातियों की भाजपा से लामबंदी ज्यादा मजबूत हुई। साथ ही गैर यादव अन्य पिछड़ी जातियों का आकर्षण भी भाजपा की तरफ  बढ़ा है।


...इसलिए तो नहीं हुआ फैसला
राजनीतिक विश्लेषकों का तो यहां तक कहना है कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में यादव मतदाताओं का भी कुछ प्रतिशत वोट भाजपा को मिला है। खासतौर से उन सीटों पर जहां सपा की तरफ  से मुस्लिम उम्मीदवार थे। केंद्र ने ताजा निर्णय के जरिए भाजपा की ताकत में रीढ़ की हड्डी का काम कर रही सवर्ण व पिछड़ी जातियों को एक बार फिर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वही उनकी सच्ची हितैषी है। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. एपी तिवारी कहते भी हैं कि इस निर्णय से खासतौर से पिछड़ी जातियों के युवा वर्ग के दिल में जहां भाजपा के हाथों ही अपने हित सुरक्षित होने का तो गरीब सवर्णों के दिल और दिमाग में भी भाजपा के एजेंडे में उनके हितों के भी संरक्षण की चिंता का संदेश जाएगा। इसका चुनाव पर सीधा असर पड़ेगा।
विज्ञापन
विज्ञापन

विपक्ष को मौका नहीं देना चाहती भाजपा

Reservation issue in NEET: Modi's decision can benefit BJP in UP elections
प्रो. तिवारी कहते हैं कि मोदी के नेतृत्व भाजपा ने 2013 से ही अपनी चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए प्रोफेशनल्स पर खास फोकस रखा है। इसकी वजह से भाजपा को न सिर्फ पिछड़े बल्कि अनुसूचित जाति के युवाओं को भी अपने पाले में करने में सफलता मिली है। चुनावी रिकॉर्ड इसका प्रमाण हैं। इधर, चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई की तैयारी कर रहे पिछड़े वर्ग के युवा काफी दिनों से नीट में आरक्षण की मांग कर रहे थे। इनका तर्क  था कि अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण मिलना, लेकिन उन्हें आरक्षण का लाभ न मिलना सामाजिक न्याय या सामाजिक समरसता की भावना के विपरीत है।

कुछ छात्र व पिछड़ी जातियों के संगठनों ने आरक्षण न मिलने पर आंदोलन की भी चेतावनी दे दी थी। इनमें प्रदेश के भी कई संगठन शामिल थे। खुद भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सांसद व अन्य जनप्रतिनिधि भी यह मांग कर रहे थे। ऐसे मौके पर जब किसानों से लेकर अन्य कई मुद्दों पर विपक्ष की तरफ  से भाजपा सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं, तब पिछड़ों के बीच से असंतोष की नई आवाज कुछ महीने बाद होने जा रहे कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एक और मुद्दा दे सकती है। भाजपा ने ताजा फैसले से उस स्थिति से बचने का प्रयास किया है।

समीकरण दुरुस्त रखने की कोशिश
सवाल उठता है कि पिछड़ों के साथ आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 प्रतिशत आरक्षण का उत्तर प्रदेश में क्या असर पड़ेगा? यहां यह ध्यान रखने की बात है कि उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। उसी अनुपात में यहां अगड़ों, पिछड़ों और अनुसूचित जाति की पर्याप्त जनसंख्या भी है। साथ ही लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें होने के कारण यहां की राजनीतिक हवा दूसरे राज्यों की तुलना देश की राजनीति को ज्यादा प्रभावित करती है।

ऐसे में अब जब पांच महीने बाद यहां चुनावी दुंदभि बजने वाली है, तब भाजपा ने इस फैसले से प्रदेश के पिछड़ों को साथ जोड़े रखने के साथ सवर्णों को भी साधे रखने की कोशिश की है। प्रदेश में सपा, बसपा, कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) भी ब्राह्मणों के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। इसको देखते हुए पिछड़ों के साथ गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा भाजपा के डैमेज कंट्रोल में मददगार साबित हो सकती है।
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

  • Downloads

Follow Us

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

अमर उजाला एप इंस्टॉल कर
रजिस्टर करें और 100 Loyalty कॉइन्स पाएं

केवल नए रजिस्ट्रेशन पर
और जानें
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर

X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed